यूट्यूब के भरोसे प्रेग्नेंट पत्नी को अस्पताल नहीं ले गया, महिला और बच्चे की मौत
(Kerala) में एक 36 साल की महिला और उसके नवजात बच्चे की घर में असफल प्रसव के बाद मौत हो गई. महिला के पति पर आरोप है कि उसने डॉक्टरों से महिला की देखभाल नहीं कराई और यू-ट्यूब (Youtube) पर बच्चे के जन्म का तरीक़ा तलाशता रहा.
बीती 21 फरवरी को पुलिस ने पति नायस को हत्या और IPC की धारा 315 (बच्चे के जन्म को रोका जाना या पैदा होने का बाद उसकी मृत्यु के इरादे से कोई काम करना) के आरोप में गिरफ़्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि दूसरे लोगों, ख़ासकर उसकी पहली पत्नी और परिवार के सदस्यों की मिलीभगत की जांच की जा रही है.
मामला तिरुवनंतपुरम के नेमोम इलाक़े का है. जो 20 फ़रवरी को सामने आया. महिला ने इससे पहले तीन बच्चों को सीजेरियन डिलीवरी यानी ऑपरेशन के ज़रिए जन्म दिया था. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक़, स्वास्थ्य कर्मियों ने बताया कि शेमीरा बीवी को 20 फ़रवरी की दोपहर प्रसव पीड़ा शुरू हुई और शाम 5.30 के क़रीब बहुत ज़्यादा खून बहने लगा. इस दौरान नायस की पहली पत्नी ही उसकी देखभाल कर रही थी, जो पिछले दो हफ्तों से उनके घर पर ही रह रही थी. जब शमीरा की हालत बिगड़ी और वो बेहोश हो गई, तो नायस एम्बुलेंस से उसे एक प्राइवेट अस्पताल ले गया. जहां मां और नवजात बच्चे को मृत घोषित कर दिया गया.
तिरवनंतपुरम नगर निगम की पार्षद दीपिका ने बताया कि नायस अपनी पत्नी को आधुनिक इलाज देने के ख़िलाफ़ था. पार्षद ने बताया,
“जब आशा कार्यकर्ताओं ने परिवार से संपर्क किया, तो नायस ने उन्हें अपनी पत्नी से मिलने से रोक दिया. उसका दावा था कि यू-ट्यूब वीडियो की मदद से घर पर ही बच्चे का जन्म हो जाएगा. महिला की पहले भी तीन डिलीवरी हुई थीं, जो सीजेरियन यानी ऑपरेशन के ज़रिए हुई थीं. इसीलिए हमने उन लोगों को पहले ही बता दिया था कि नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो सकती. महिला का अस्पताल में इलाज कराने का मन था, लेकिन वो अपने पति से डरती थी. नायस ने शमीरा को पहले से धमकी दी थी कि अगर उसकी बात नहीं मानी तो नायस उसे छोड़ देगा.”
वहीं केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने भी इस मामले में मीडिया से बातचीत की. वीना ने बताया कि जो हुआ है, वो गंभीर अपराध है. उन्होंने कहा,
“जब महिला प्रेग्नेंट हुई थी, तो जिला चिकित्सा कार्यालय के एक डॉक्टर ने उनसे मुलाक़ात की थी और अस्पताल से देखभाल कराने की सलाह दी थी. लेकिन वो लोग नहीं माने. ये घटना चौंकाने वाली है और इसे हत्या माना जाना चाहिए.”
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केरल जैसे राज्य में ऐसा नहीं होना चाहिए था, जहां हेल्थकेयर की इतनी अच्छी व्यवस्था है और लोग हेल्थकेयर के लिए इतने उत्साही हैं.