Property Knowledge: प्रोपर्टी की रजिस्ट्री के समय इस डॉक्यूमेंट को चेक करना है बेहद जरूरी, बचा सकेंगे हजारो रुपये

जमीन रजिस्ट्री कराना एक कानूनी प्रक्रिया होती है, जिसमें किसी प्रॉपर्टी का खरीदार उसके मालिक से उस संपत्ति को अपने नाम कराता है। रजिस्ट्री के समय डॉक्यूमेंट चेक करना बहुत जरूरी होता है।आइए जानते है इसके बारे में विस्तार से.पॉवर ऑफ अटॉर्नी चेक करें-

अक्सर जमीन या प्रॉपर्टी की बिक्री पॉवर ऑफ अटॉर्नी के जरिये की जाती है और इस कारण से धोखाधड़ी का सबसे ज्यादा चांस होता है। फाइनेंस एक्सपर्ट रिया उप्रेती के अनुसार, आपको यह जानकारी लेनी चाहिए कि आपको वही प्रॉपर्टी बेची जा रही जिसका उल्लेख पॉवर ऑफ अटॉर्नी में है। इसके अलावा, आपको जमीन से जुड़े हुए सभी डॉक्यूमेंट्स चेक करने चाहिए।

मार्केट वैल्यू पर रजिस्ट्री चार्ज दीजिए-

किसी प्रॉपर्टी की मार्केट वैल्यू तब कम होती है, जब सर्किल रेट अधिक होता है। आप रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार से अपील करके स्टांप ड्यूटी पर खर्च बचा सकती हैं। स्टेट स्टांप एक्ट के तहत इसका प्रावधान किया गया है।

इस बात का भी ध्यान रखें कि रजिस्ट्रार या सब रजिस्ट्रार आपके मामले को डीसी के पास भेजता है, जो मार्केट वैल्यू के हिसाब से स्टांप ड्यूटी का आकलन करता है और अगर आप खरीदार हैं, तो आपको स्टांप ड्यूटी में बचत का फायदा मिलेगा।

महिला खरीदारों को रिबेट कितना देना होता है-

किसी प्रॉपर्टी की खरीदारी में जॉइंट या सिंगल परचेज में महिला अगर शामिल होती है, तो कई राज्य स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज में छूट देते हैं। हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान और उत्तर प्रदेश भी इन राज्यों में शामिल हैं।

दिल्ली सरकार के अनुसार, कोई जमीन पुरुष के नाम से रजिस्टर हो, तो उस पर 6 प्रतिशत और महिला के नाम से 4 प्रतिशत रजिस्ट्री चार्ज देना होता है। इसके साथ ही, रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन पर होने वाले खर्च पर साल में अधिक से अधिक 1.5 लाख टैक्स बचा सकती हैं।

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