गर्व! पिता करते हैं खेती..मां आंगनबाड़ी सेविका, अब बेटी बन गई SDM, पढ़िए- संघर्ष की कहानी…
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। आपने यह कविता तो सुनी ही होगी। यदि किसी व्यक्ति को कुछ करने की इच्छा हो तो उसके रास्ते में आई बाधा भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकती।
अपनी मेहनत और दृढ़ इच्छा शक्ति से व्यक्ति निश्चित ही सफलता की ऊंचाइयों को छूता है। आज की कहानी भी एक ऐसी ही बेटी की है। जिन्होंने यूपीएससी पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल कर अपने माता-पिता और गांव का नाम गर्व से ऊंचा किया।यूपी की इस बेटी का नाम नेहा है। नेहा आज देश की तमाम लड़कियों के लिए एक मिसाल बन चुकी है। और आपको यह बता दें कि निधि ने अपने प्रथम प्रयास में यूपीएससी पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की है।
प्रथम प्रयास में बनी SDM
यूपी के अमरोहा के एक छोटे से गांव से आई निधि वीरपाल सिंह और प्रगति की बेटी हैं। वीरपाल सिंह किसानी करते हैं जबकि निधि की मां प्रगति आंगनवाड़ी वर्कर हैं। छोटे से गांव और साधारण घर परिवार से ताल्लुक रखने वाली नेहा आज SDM बन चुकी हैं।
कहां से हुई पढ़ाई
निधि ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अमरोहा के ग्राम पंचायत तरौली के प्राइमरी स्कूल से की है। इसके बाद 6 से 8 तक की पढ़ाई कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय रहरई से की है। 10वीं ,12वीं की पढ़ाई करने के बाद नेहा ने हिंदू कॉलेज मुरादाबाद से बीएससी किया। उसके बाद नेहा सिविल सर्विस की तैयारी के लिए दिल्ली चली गई। उन्होंने यूपीएससी पीसीएस की परीक्षा दी और अपने पहले प्रयास में ही वह सफल रहीं। उनका सिलेक्शन SDM के पद के लिए हुआ।