19 नवंबर के 80 दिन बाद फिर साबित हो गया, ऑस्ट्रेलिया ही है भारत का असली दुश्मन

आप आईसीसी की मौजूदा रैंकिंग्स पर नजर डालिए. टेस्ट रैकिंग्स में ऑस्ट्रेलिया की टीम पहली पायदान पर है-भारत की टीम दूसरी पायदान पर. वनडे रैंकिंग्स पर नजर डालिए भारतीय टीम पहले और ऑस्ट्रेलियाई टीम दूसरी पायदान पर है. टी20 फॉर्मेट में भारत पहली पायदान पर है जबकि ऑस्ट्रेलिया चौथी पायदान पर. पिछली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भिड़ने वाली टीम भारत और ऑस्ट्रेलिया ही हैं. अगली वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की प्वाइंट टेबल में भी यही दोनों टीमें दूसरी और तीसरी पायदान पर हैं. वैसे ये भी सच है कि ये नंबर इधर-उधर होते रहेंगे, टीम ऊपर नीचे होती रहेंगी लेकिन बावजूद इसके ये तथ्य और मजबूती से स्थापित हो रहा है कि वर्ल्ड क्रिकेट में अब वर्चस्व की लड़ाई भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ही है.

यही वो दो टीमें हैं जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में सबसे ज्यादा ‘कंसिसटेंसी’ के साथ प्रदर्शन किया है. 8 फरवरी को जब अंडर-19 वर्ल्ड कप में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को हराकर फाइनल में जगह बनाई तो एक बार फिर किसी आईसीसी टूर्नामेंट के फाइनल में उसके सामने भारतीय टीम है. आपको याद ही होगा कि पिछले साल वनडे वर्ल्ड कप के फाइनल में भी यही दोनों टीम थीं. 19 नवंबर को अहमदाबाद में खेले गए फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया ने भारत को हराकर खिताब जीत लिया था. अब 80 दिन के बाद क्रिकेट की कहानी फिर वहीं घूमकर आ गई है. 11 फरवरी को दक्षिण अफ्रीका के बेनोनी में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में आमने-सामने हैं. दोनों ही टीमों ने लगातार जीत हासिल करके फाइनल तक का सफर तय किया है. भारत ने पिछले पांच मैच लगातार जीते हैं. जबकि ऑस्ट्रेलिया को पिछले पांच में से चार मैच में जीत मिली है. वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच का नतीजा नहीं निकला था.

ऑस्ट्रेलिया ही है भारत का असली दुश्मन

एक समय था जब क्रिकेट के मैदान में पाकिस्तान को भारतीय टीम का सबसे बड़ा दुश्मन माना जाता था. इमरान खान, जहीर अब्बास बनाम सुनील गावस्कर, कपिल देव से लेकर सचिन बनाम वसीम, वकार या शोएब तक ये सोच रही. लेकिन पिछले दो दशक में भारतीय क्रिकेट बहुत मजबूत हुआ. भारतीय टीम ने देश के बाहर टेस्ट मैच जीतने शुरू किए. 2007 का टी20 विश्व कप जीता. 2011 का विश्व कप जीता. चैंपियंस ट्रॉफी जीती. इससे उलट इन दो दशकों में पाकिस्तान के पास गिनाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं है. अलबत्ता लाहौर में श्रीलंका की टीम पर आतंकवादी हमले से तो हालात और खराब हो गए. बड़ी टीमों ने लंबे समय तक पाकिस्तान का दौरा नहीं किया. कई बड़े स्टार खिलाड़ी मैच फिक्सिंग में फंसे. कुल मिलाकर पाकिस्तान क्रिकेट की बदनामी हुई. पाकिस्तान में क्रिकेट की असमय मौत होती दिखी. पाकिस्तान में राजनीतिक उथल पुथल का सीधा असर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड पर दिखा. कुछ ही महीनों के भीतर तीन- चार बोर्ड चेयरमैन बदल गए.

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की आर्थिक स्थिति ऐसे ही समझिए कि कुछ महीने पहले रमीज राजा ने बोर्ड के चेयरमैन के तौर पर भरी मीटिंग में कहा था कि बीसीसीआई अगर चाहे तो पाकिस्तान की क्रिकेट को बर्बाद कर सकता है. इन सारी बातों का असर पाकिस्तान की टीम के प्रदर्शन भी पड़ा. इक्का दुक्का मौकों को छोड़ दें तो भारतीय टीम का पलड़ा पाकिस्तान पर हमेशा भारी रहा. इन दो दशकों में बड़ा बदलाव ये आया कि ऑस्ट्रेलिया की टीम से भारतीय टीम की टक्कर जबरदस्त होने लगी. दोनों टीम में एक जैसी काबिलियत वाले खिलाड़ी हैं. दोनों टीम में कई मैच विनर खिलाड़ी हैं जो अकेले मैच को पलटने की ताकत रखते हैं. यही वजह है कि दुनिया भर के क्रिकेट फैंस को पहले जो मजा भारत-पाकिस्तान का मैच देखने में आता था अब भारत-ऑस्ट्रेलिया में आता है.

अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत-ऑस्ट्रेलिया ही हैं सबसे कामयाब टीम

अंडर-19 वर्ल्ड कप के इतिहास में भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम ही सबसे कामयाब टीम है. इस टूर्नामेंट की शुरूआत 1988 में हुई थी. इसके बाद से लेकर अभी तक टीम इंडिया ने पांच बार ये खिताब अपने नाम किया है. भारत ने साल 2000, 2008, 2012, 2018 और 2022 में फाइनल जीता है. इसके अलावा 2006, 2016 और 2020 में भारतीय टीम रनर-अप भी रही है. इन शानदार रिकॉर्ड्स की वजह से ही भारतीय टीम के फैंस को भरोसा है कि इस बार जीत का सिक्सर लगने वाला है. वैसे टूर्नामेंट की दूसरी सबसे कामयाब टीम ऑस्ट्रेलिया की ही है. उसके नाम 3 खिताब हैं. जो कंगारुओं ने 1988, 2002 और 2010 में जीता था. 2010 के बाद ऑस्ट्रलियाई टीम 2012 और 2018 में भी फाइनल में पहुंची थी लेकिन उसे भारत के हाथों ही हार का सामना करना पड़ा था.

आपको याद दिला दें कि 2012 में जब भारतीय टीम ने अंडर-19 वर्ल्ड कप जीता तो भारतीय टीम की कमान दिल्ली के उन्मुक्त चंद के हाथ में थी. फाइनल में उन्होंने नॉट आउट 111 रन की पारी भी खेली थी. उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया था. इसके बाद 2018 में भारत ने ऑस्ट्रेलिया को हराकर खिताब जीता तो पृथ्वी शॉ भारतीय टीम के कप्तान हुआ करते थे. उन्होंने फाइनल में 29 रन बनाए थे. मनजोत कालरा ने फाइनल मैच में शतक लगाया था. 2018 की फाइनलिस्ट टीम में शुभमन गिल, शिवम मावी, रेयान पराग जैसे खिलाड़ी भी थे. हालांकि 2018 में शतक लगाने वाले मनजोत कालरा को अभी इंडिया के लिए खेलने का मौका नहीं मिला है. वैसे भारतीय फैंस 11 फरवरी के फाइनल को टीम इंडिया के बदले की तरह भी देख रहे हैं. उनकी चाहत है कि रोहित शर्मा का जो सपना टूट गया था उसे अंडर-19 कप्तान उदय सहारन पूरा करें.

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