सामने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा, असम के मुख्यमंत्री ने क्यों पीछे खींचे कदम?
राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 18 जनवरी को असम के 17 जिलों से गुजरेगी और करीब 833 किलोमीटर का सफर तय करेगी. इस कार्यक्रम को देखते हुए राज्य के सीएम हेमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि वह इन दिनों में होने वाले राज्य के ऊपरी जिलों में अपने कार्यक्रमों को रद्द कर रहे हैं, ताकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा का क्लैश उनके कार्यक्रम से न हो. उन्होंने यह भी दावा किया कि लोगों को अब कांग्रेस की सभाओं और बैठकों में भाग लेने में शर्म आती है.
क्या बोले सीएम हेमंत बिस्वा सरमा
मीडिया से बातचीत में सरमा ने कहा कि राहुल गांधी का यात्रा कार्यक्रम हमारी उन तारीखों से क्लैश कर रहे हैं जिन पर नई योजना के लिए फॉर्म वितरित किए जाने हैं. इन तारीखों की घोषणा उनके यहां आने के कार्यक्रम के ऐलान के पहले ही कर दी गई थी. हमें नहीं पता था कि वह भी इन्हीं तारीखों पर यहां आएंगे. इसलिए हमने फिलहाल यह फैसला किया है कि अभी हम अपना कार्यक्रम रद्द करेंगे. सीएम ने कांग्रेस के उन आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि ग्रामीण महिलाओं के लिए नव-घोषित योजना का फॉर्म-वितरण कार्यक्रम इस तरह से तय किया गया है कि यह उन जिलों और आसपास के क्षेत्रों में यात्रा कार्यक्रम के साथ टकराव हो. उन्होंने कहा कि मैंने अपना माजुली का कार्यक्रम रद्द कर दिया है. माजुली एक छोटा सा जिला है, मैं जिला प्रशासन को मुश्किल में नहीं डालना चाहता.
बड़े दिल वाली है हमारी सरकार
उन्होंने कहा कि हमने 18 जनवरी और 19 जनवरी को जोरहाट और डेरगांव में राशन कार्ड वितरण कार्यक्रम भी रद्द कर दिया है, जिस अवधि के दौरान यात्रा उन क्षेत्रों से गुजरने वाली है. हम इससे ज्यादा क्या कर सकते हैं. मैंने 18 जनवरी और 19 जनवरी को ऊपरी असम में अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं, जो एक महीने पहले घोषित किए गए थे. आपको इससे अधिक बड़े दिल वाली सरकार नहीं मिल सकती. इसी बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 20 जनवरी को राज्य के प्रस्तावित दौरे पर सरमा ने कहा कि कार्यक्रम अभी तय नहीं हुआ.
कोई यात्रा में नहीं जाना चाहता
सरमा ने कहा कि हम किसी को यात्रा में जाने से नहीं रोक रहे लेकिन एक समुदाय को छोड़कर कोई यात्रा में नहीं जाना चाहता. लोगों को कांग्रेस की बैठकों में जाने में शर्म आती है. सरमा से पूछा गया कि वह किस समुदाय की बात कर रहे हैं, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह ‘मिया मुस्लिम’ समुदाय की बात कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे समुदाय का नाम लेने में कोई झिझक नहीं है. यहां तक कि वो भी आजकल कांग्रेस की बैठकों में भी नहीं जाना चाहते हैं. उन्होंने लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ मिलते देखा है; हम सभी के लिए काम कर रहे हैं. कांग्रेस की यात्रा ‘हिंदू धर्म के विरोध का समर्थन करती है. कांग्रेस हिंदू विरोधी है और हम हिंदू समर्थक हैं. हालांकि, हम मुस्लिम विरोधी या ईसाई विरोधी या किसी समुदाय के खिलाफ भी नहीं हैं.