Prabhasakshi NewsRoom: Rishi Sunak से मिले Rajnath, China से तनाव के बीच रक्षा मंत्री ने London में दे डाला बड़ा बयान

भारत और चीन के संबंधों में जारी तनाव के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि अब बीजिंग भी मान रहा है कि भारत एक वैश्विक शक्ति बन गया है। ब्रिटेन यात्रा पर गये रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लंदन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए चीन के सरकारी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स में हाल ही में प्रकाशित एक लेख का हवाला देते हुए कहा कि अब चीनी सरकार भी मान रही है कि भारत में विकास हो रहा है और भारत का वैश्विक कद बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि हम किसी को दुश्मन के रूप में नहीं देखते हैं और सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाये रखना चाहते हैं। रक्षा मंत्री ने कहा कि चीनी अखबार के लेख में लेखक ने यह भी कहा है कि चीनी सरकार अब स्वीकार करती है कि आप भारत को पसंद करें या न करें, पर उसकी छवि और बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा को लंबे समय तक नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

ऋषि सुनक से मिले राजनाथ

जहां तक रक्षा मंत्री की ब्रिटिश नेताओं से मुलाकात की बात है तो आपको बता दें कि उन्होंने प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, विदेश मंत्री डेविड कैमरन और रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के साथ सार्थक चर्चा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 10 डाउनिंग स्ट्रीट में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक से मुलाकात कर विभिन्न द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच वार्ता के एजेंडे में रक्षा, व्यापार और क्षेत्रीय मुद्दे शामिल थे। इसके अलावा मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को लेकर जारी वार्ता की प्रगति पर भी चर्चा की गई।

रक्षा और विदेश मंत्री से मुलाकात

राजनाथ सिंह ने सुनक के अलावा, विदेश मंत्री डेविड कैमरन से विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय में मुलाकात की। इस बारे में राजनाथ सिंह ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, “ब्रिटेन के विदेश मंत्री डेविड कैमरन के साथ भारत-ब्रिटेन संबंधों को बढ़ावा देने और दोनों देशों के बीच सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के बारे में व्यावहारिक विचार-विमर्श किया गया।” हम आपको बता दें कि दो उच्च स्तरीय बैठकों के बाद राजनाथ सिंह ने अपने समकक्ष ग्रांट शाप्स के साथ ब्रिटेन-भारत रक्षा उद्योग के सीईओ के गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि भारत ब्रिटेन के साथ सह-निर्माण पर केंद्रित एक समृद्ध रक्षा साझेदारी की कल्पना करता है। गोलमेज बैठक में ब्रिटेन के रक्षा उद्योग के कई मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ), ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) के अधिकारी, ब्रिटेन-भारत व्यापार परिषद (यूकेआईबीसी) और भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में प्रमुख रक्षा कंपनियों में शामिल बीएई सिस्टम्स, जीई वर्नोवा, जेम्स फिशर डिफेंस, लियोनार्डो एसपीए, मार्टिन बेकर एयरक्राफ्ट कंपनी लिमिटेड, एसएएबी यूके, थेल्स यूके, अल्ट्रा-मैरीटाइम रोल्स-रॉयस, एडीएस ग्रुप और एमबीडीए यूके के प्रतिनिधि शामिल थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स के साथ ब्रिटेन-भारत रक्षा उद्योग सीईओ गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता करते हुए कहा कि भारत ब्रिटेन के साथ सह-निर्माण पर केंद्रित एक समृद्ध रक्षा साझेदारी की कल्पना करता है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत सहयोग, सह-निर्माण और सह-नवोन्मेष के लिए ब्रिटेन के साथ एक समृद्ध साझेदारी की कल्पना करता है। दोनों देशों की ताकतों का समन्वय करके, हम एक साथ बड़े काम कर सकते हैं।’’ बैठक में ब्रिटेन के रक्षा खरीद राज्य मंत्री जेम्स कार्टिल्ज भी शामिल हुए और इसमें भारत-ब्रिटेन रक्षा औद्योगिक संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।
भारत के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, राजनाथ सिंह ने ब्रिटेन से निवेश और प्रौद्योगिकी सहयोग का स्वागत किया और कहा कि भारत कुशल मानव संसाधन आधार, एक मजबूत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और व्यापार समर्थक पारिस्थितिकी तंत्र तथा एक विशाल घरेलू बाजार के साथ तैयार है। सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत 2047 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है। वहीं ग्रांट शाप्स ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत-ब्रिटेन संबंध मूल रूप से एक रणनीतिक साझेदारी के रूप में सामान्य खरीदार-विक्रेता संबंधों से आगे बढ़ चुके हैं।

रक्षा संबंध बढ़ायेंगे भारत और ब्रिटेन

ब्रिटेन सरकार ने इसके साथ ही भारतीय सेना के साथ संचालन और प्रशिक्षण के लिए इस साल के अंत में हिंद महासागर क्षेत्र में रॉयल नेवी के युद्धपोतों को तैनात करने की योजना का खुलासा भी किया। इसे ब्रिटेन-भारत के बीच प्रगाढ़ होते रणनीतिक संबंधों के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ग्रांट शाप्स ने कहा कि लिटोरल रिस्पांस ग्रुप (एलआरजी) को इस साल तैनात किया जाएगा और कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (सीआरजी) की 2025 में संयुक्त भारत-ब्रिटेन प्रशिक्षण के लिए तैनाती होगी। हम आपको बता दें कि ब्रिटेन की ‘‘सबसे उन्नत नौसैनिक क्षमताओं’’ की तैनाती को ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय (एमओडी) ने भारत के साथ सुरक्षा संबंधों को मजबूत करने में एक ‘‘निर्णायक कदम’’ के रूप में उल्लेख किया है। ग्रांट शाप्स ने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि दुनिया में प्रतिस्पर्धा बढ़ती जा रही है, इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम भारत जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ अपने रणनीतिक संबंधों को आगे बढ़ाना जारी रखें।”
उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ मिलकर, हम समान सुरक्षा चुनौतियों को साझा करते हैं और खुले और समृद्ध हिंद-प्रशांत बनाए रखने के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर दृढ़ हैं। यह स्पष्ट है कि यह रिश्ता लगातार मजबूत होता जा रहा है, लेकिन हमें उन खतरों और चुनौतियों के मद्देनजर वैश्विक सुरक्षा को बनाए रखने के लिए साथ मिलकर काम करना जारी रखना चाहिए जो हमें अस्थिर और नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।’’ हम आपको बता दें कि एलआरजी रॉयल नेवी का कार्य समूह है जिसमें कम से कम दो युद्धक जहाज शामिल हैं। सीआरजी रॉयल नेवी का विमान वाहक युद्धपोत है। सीआरजी की पहली तैनाती 2021 में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हुई थी, जहां इसने भारतीय बलों के साथ संयुक्त अभ्यास किया था।
बहरहाल, दोनों वरिष्ठ मंत्रियों के बीच बातचीत में संयुक्त अभ्यास से लेकर ज्ञान साझा करने और प्रशिक्षकों के आदान-प्रदान तक रक्षा में भविष्य के सहयोग पर चर्चा हुई, जो 2030 भारत-ब्रिटेन रोडमैप में परिकल्पित व्यापक रणनीतिक साझेदारी पर आधारित है।

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