रामलला के दर्शन के लिए कई किमी पैदल चल रहे भक्त, चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर लगाई रोक

रामनगरी में प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अनवरत मेले जैसा माहौल है। देश-विदेश से श्रद्धालुओं के आने का क्रम जारी है। नव्य मंदिर में रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को कई किमी पैदल चलना पड़ रहा है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में राम मंदिर में लागू की गई भीड़ नियंत्रण की कार्ययोजना लगातार दूसरे दिन भी कामयाब रही। बृहस्पतिवार को सुबह छह बजे से शुरू हुआ रामलला का दर्शन-पूजन सुचारू रूप से बिना किसी व्यवधान के अनवरत जारी रहा। इस दौरान जन्मभूमि पथ के एक लेन से रामभक्तों को प्रवेश दिया जाता और दर्शन के बाद दूसरे लेन से निकासी की जाती रही।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अगले दिन लाखों दर्शनार्थियों के उमड़ने का आकलन कर पाने में विफल रहे प्रशासन ने अपनी गलती से सीख ली। उसी दिन यहां पहुंचे सीएम योगी की ओर से दिए गए दिशा-निर्देशों पर भी अमल किया गया। इसका नतीजा रहा कि बुधवार और फिर बृहस्पतिवार को किसी तरह की समस्या नही हुई। जबकि सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के आने का सिलसिला शुरू हो गया। यह प्रक्रिया पूरे दिन और रात में दर्शन की अवधि खत्म होने तक जारी रही।

नव्य मंदिर में आने वाले रामभक्त सुगमता पूर्वक दर्शन करते रहे। रामलला का दरबार उनके लिए अनवरत खुला रहा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ग्राउंड जीरो पर वरिष्ठ अधिकारी निगरानी करते रहे। सब कुछ व्यवस्थित रखने के लिए जन्मभूमि पथ के प्रवेश द्वार से मंदिर के मुख्य भवन तक जाने वाले रास्ते पर आरएएफ और पुलिस के जवानों की टुकड़ियां मुस्तैद रहीं। सुरक्षाकर्मी मुख्य द्वार पर मानव श्रंखला बनाकर भक्तों को प्रवेश कराते रहे। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों का स्पष्ट निर्देश रहा कि रामभक्तों के साथ फोर्स अच्छा व्यवहार करे।

जन्मभूमि पथ आस्था के भाव से लबरेज, हर तरफ जयश्रीराम की गूंज

समूचा जन्मभूमि पथ आस्था के भाव से लबरेज है। हर तरफ जयश्रीराम की गूंज सुनाई दे रही है। यहां मिनी भारत की तस्वीर दिखाई दे रही है। देश का शायद ही कोई प्रांत बचा हो जहां के श्रद्धालु न पहुंचे हों। रामलीला का मंचन करने आए कई देशों के कलाकार भी संस्कृति विभाग के प्रतिनिधियों के साथ रामलला के दर्शन के लिए पहुंचे। इनमें भी आराध्य के प्रति भक्ति की भावना परिलक्षित हुई। चलने में असमर्थ कई बुजुर्ग अपने परिवार के सदस्यों के कंधे को सहारा बनाया या फिर व्हील चेयर की मदद से राम मंदिर की ओर बढ़ते दिखाई दिए।

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