Re-NEET की जरूरत नहीं… सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 सबसे बड़ी बातें

नीट-यूजी (NEET-UG) पेपर लीक पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने साफ कर दिया है कि नीट की परीक्षा दोबारा नहीं होगी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि उसे परीक्षा में धांधली के पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं. सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए को पूरी नीट परीक्षा का फिर से रिजल्ट जारी करने का भी आदेश दिया है. अदालत ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए सामग्री का अभाव है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी हुई है या इसमें व्यवस्थागत खामी है.
फैसला सुनाने से पहले भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के तीन विशेषज्ञों की समिति ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि परीक्षा पूछे गए भौतिकी के एक विवादास्पद प्रश्न का केवल एक ही सही उत्तर था, न कि दो. इस संबंध में सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला की पीठ ने सोमवार को आईआईटी-दिल्ली के निदेशक को भौतिकी के इस विवादित प्रश्न को लेकर तीन विषय विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने औ मंगलवार दोपहर तक सही जवाब दाखिल करने के लिए कहा था.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले की 10 बड़ी बातें-

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि नीट की परीक्षा को दोबारा कराना ठीक नहीं है. इससे 24 लाख छात्रों पर सीधा असर पड़ेगा. दागी छात्रों को बेदाग छात्रों से अलग किया जा सकता है
कोर्ट ने कहा कि नीट परीक्षा को लेकर हमने पिछले तीन साल के नतीजों की तुलना की. परीक्षा में खामी और धांधली के पर्याप्त सबूत नहीं मिले. परीक्षा की पवित्रता के उल्लंघन के संकेत नहीं.
सीबीआई ने संकेत दिया है कि सामग्री से पता चलता है कि हजारीबाग और पटना के परीक्षा केंद्रों से चुने गए 155 छात्र धोखाधड़ी के लाभार्थी प्रतीत होते हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हमने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए के डेटा की स्वतंत्र रूप से जांच की है. ऐसे में पूरी परीक्षा को रद्द करना उचित नहीं है.
पटना और हजारीबाग में पेपर लीक हुआ था, लीक से 155 छात्रों को लाभ के संकेत मिले हैं. फिलहाल सीबीआई इस मामले की जांच कर रही. उसने अपनी स्टेटस रिपोर्ट भी दाखिल की है.
वर्तमान चरण में रिकॉर्ड पर साक्ष्यों या सामग्री का अभाव है जिससे यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि परीक्षा का परिणाम खराब हो गया है या परीक्षा की पवित्रता का प्रणालीगत उल्लंघन हुआ है.
आईआईटी दिल्ली ने परीक्षा के विकल्पों में से एक को परमाणु सिद्धांत प्रश्न के लिए NTA द्वारा अनुमोदित किया है. इसकी वजह से रिजल्ट में बदलाव होगा.
13 लाख छात्रों को रैंकिंग में फेरबदल का सामना करना पड़ेगा. क्योंकि IIT-D ने दो विकल्पों में से एक को परमाणु सिद्धांत प्रश्न के लिए NTA द्वारा अनुमोदित किया है.
कोर्ट को एहसास है मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज्यादा छात्रों पर पड़ेगा.
यदि जांच में लाभार्थियों की संख्या में वृद्धि का पता चलता है तो काउंसलिंग प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद किसी भी स्तर पर ऐसे किसी भी छात्र के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

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