DA hike से पहले पढ़ लें ये खबर, इन इन भत्तों पर लगता है टैक्स
अलाउंस (Allowance) सैलरी में ही शामिल होते हैं परन्तु इनकी टैक्स कैलकुलेशन अलग-अलग होती है। ये तीन तरह के होते हैं.
फुली टैक्सेबल (Fully Taxable), पार्टली टैक्सेबल (Partly Taxable) और नॉन-टैक्सेबल (Non-Taxable)। आज हम आपको फुली टैक्सेबल अलाउंसेज के बारे में बता रहे हैं। यानी वो भत्ते जो पूरी तरह कर के दायरे में आते हैं। यह कंपनी की पॉलिसी के हिसाब से हर कंपनी में अलग-अलग हो सकते हैं।
महंगाई भत्ता (DA)
डियरनेस अलाउंस (DA) रोजमर्रा के खर्च पर महंगाई के असर को कम करने के लिए कर्मचारी को दिया जाता है। अमूमन सरकारी कर्मचारियों को महंगाई भत्ता (DA) दिया जाता है।
लेकिन यह फुली टैक्सेबल अलाउंस है। महंगाई के प्रभाव को देखते हुए सरकारी कर्मचारियों, पेंशनर्स को महंगाई भत्ता दिया जाता है। इसकी गणना मूल वेतन के हिसाब से की जाती है। कोरोना संकट के कारण केंद्र और कई राज्य सरकारों ने डीए पर रोक लगा रखी है।
सिटी कम्पेंसेशन अलाउंस (CCA)
बड़े शहरों में कॉस्ट ऑफ लिविंग अधिक होती है, इसलिए कंपनियां मेट्रो शहरों में काम करने वाले कर्मचारियों को सीसीए देती है। सिटी कम्पेंसेशन अलाउंस (CCA) एक भत्ता है, जो कर्मचारियों को मिलता है। यह मेट्रो या किसी बड़े शहर में रहन-सहन के खर्चों को पूरा करने के लिए दिया जाता है।
मेडिकल अलाउंस
नियोक्ता (Employer) अपने कर्मचारी को सेवा के दौरान किए गए मेडिकल खर्चे का भुगतान भी भत्ते के रूप में करता है। यह भुगतान आपको बिल के बदले मिलता है, इसके लिए आपको मेडिकल खर्च की रसीद देनी होती है। टैक्स की दृष्टि से 15,000 रुपए सालाना के मेडिकल बिल टैक्स मुक्त हैं।
मोबाइल या टेलिफोन रिम्बर्समेंट
अगर आपको नियोक्ता काम के लिए आपको मोबाइल, टेलिफोन या इंटरनेट कनेक्शन दे रहा है तो Telephone allowance कर के दायरे में आता है। आप 100 फीसदी टैक्स छूट क्लेम की मांग कर सकते हैं। इसके लिए आपको बिल पेश करना होगा। इसके लिए केवल पोस्टपेड कनेक्शन ही वैध हैं।
एंटरटेनमेंट अलाउंस
यह भत्ता कर्मचारियों को कस्टमर या क्लाइंट की आवाभगत के दौरान खर्च हुई राशि के लिए दिया जाता है। निजी क्षेत्र के कर्मचारियों को यह सैलरी की फिक्स अमाउंट के रूप में या सैलरी के इतर दिया जाता है। सरकारी कर्मचारियों के मामले में 5,000 रुपये की राशि, सैलरी का पांचवा हिस्सा या फिर असल एंटरटेनमेंट में से, जो भी कम होता है उसपर यह छूट मिलती है।
इन भत्तों पर भी लगता है टैक्स
कंपनी द्वारा टिफिन, लंच और डिनर या रिफ्रेशमेंट के लिए दिया जाने वाला रिफ्रेशमेंट अलाउंस पूरी तरह कर के दायरे में आता है। सर्वेंट अलाउंस, प्रोजेक्ट अलाउंस, ओवरटाइम अलाउंस और होलिडे अलाउंस टैक्स के दायरे में आते हैं।
जब कोई कंपनी अपनी किसी कर्मचारी को सर्वेंट रखने के लिए भुगतान करती है तो यह राशि कर के दायरे में आती है। प्रोजेक्ट संबंधी खर्चों के लिए प्रोजेक्ट अलाउंस, खान-पान से जुड़े खर्च के लिए मील अलाउंस और अतिरिक्त घंटे काम करने के लिए ओवरटाइम अलाउंस भी टैक्सेबल हैं।