संगम एक्सप्रेस के AC कोच में ठंड से बचने के लिए किसने जलाई थी आग? BKU नेता राकेश टिकैत ने किया ‘खुलासा’
ठंड से बचने के लिए ट्रेन के एसी कोच में आग जलाने के मामले में नार्थ सेंट्रल रेलवे ने कड़ा रुख अख्तियार किया है. मेरठ से प्रयागराज आ रही संगम एक्सप्रेस ट्रेन में बुधवार को यात्रियों द्वारा एसी कोच में आग जलाकर हाथ सेंकने की घटना को गंभीरता से लेते हुए नार्थ सेंट्रल रेलवे ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है. इसके साथ ही रेलवे ने पूरे मामले में जांच भी बैठा दी है. मामले में आग जलाने के आरोपियों का पता लगाकर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाई किये जाने का भी दावा किया जा रहा है.
दरअसल, ट्रेन के एसी कोच में टॉयलेट के पास आग जलाकर हाथ सेंकने का वीडियो रेलवे अफसरों को भेजकर मामले की शिकायत की गयी थी. वीडियो में दिख रहे लोग भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं जैसे सिर पर हरे रंग की पगड़ी बांधे और हरा गमछा रखे हुए थे. जबकि भारतीय किसान यूनियन के अधिवेशन में शिरकत करने प्रयागराज आए राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का साफ कहना है कि कुछ भगवाधारी साधु ठंड से बचने के लिए आग जलाकर हाथ सेंक रहे थे. जिसे उनके लोगों ने जाकर बुझाया है.
इसी के साथ राकेश टिकैत ने कहा है कि सूबे में संत की सरकार है. इसलिए साधुओं को कंबल दिया जाना चाहिए, ताकि साधुओं को ठंड न लगे. हालांकि प्रयागराज में हुए भारतीय किसान यूनियन के अधिवेशन में शामिल होने के लिए मेरठ से बड़ी संख्या में किसान बुधवार को संगम एक्सप्रेस ट्रेन से प्रयागराज आ रहे थे. उसी दौरान ट्रेन के एसी कोच के अंदर टॉयलेट के पास में क्षेत्र में कुछ लोगों ने आग जलाकर हाथ पैर सेंकना शुरू कर दिया था. एसी कोच में सवार दूसरे यात्रियों ने जब इसको देखा तो उन्होंने वीडियो बनाकर रेलवे अफसरों को ट्वीट कर आग बुझाने और उनके खिलाफ कार्यवाई किए जाने की मांग की थी. जिसके बाद ट्रेन को बीच रास्ते मे रोककर ट्रेन में मौजूद सुरक्षा बलों ने आग बुझाया और ट्रेन को आगे बढ़ाया. जिसके बाद ट्रेन के कानपुर पहुंचने पर ट्रेन को रोककर उसमें सघन जांच कर आग जलाकर हाथ पैर सेंकने वालों की तलाश शुरू की गई, लेकिन वो नहीं मिले.
जिसके बाद रेलवे की तरफ से वहीं पर अज्ञात लोगों के खिलाफ संगीन धाराओं में केस दर्ज करवाया गया. नार्थ सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय के मुताबिक ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ लेकर यात्रा करने पर पाबंदी है. उसके बावजूद ट्रेन के अंदर आग जलाया जाना अपने आप में बेहद खतरनाक घटना है. जिसको गंभीरता से लेते हुए आग लगाने वालों का पता लगाया जा रहा है और उनके खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी.