कंटेनर में खेती करके आप घर बैठे लाखों की कमाई कर सकते हैं कंटेनर खेती से ही लाखों कमाए हैं इस शख्स ने

पुणे के एक इंजीनियर ने नाम शैलेश, ने एक कंटेनर में केसर की खेती का काम शुरू किया है। उन्होंने अब तक इस खेती से लाखों रुपए कमाए हैं। केसर की खेती मुख्य रूप से कश्मीर के कुछ इलाकों में होती है, लेकिन पुणे के 46 साल के शैलेश ने 13 साल तक कॉरपोरेट बिजनेस में जॉब करने के बाद फैसला लिया कि वह केसर की खेती करेंगे। इसके बाद से वह पैलेस में केसर की खेती करके लाखों रुपए की कमाई भी कर रहे हैं। के एक इंजीनियर शैलेश ने एक कंटेनर में केसर की खेती का काम शुरू किया है उसने अब तक इस खेती से लाखों रुपए कमाए हैं केसर की खेती मुख्य रूप से कश्मीर के कुछ इलाकों में होती है लेकिन अब 13 साल तक कॉरपोरेट बिजनेस में जॉब करने वाले पुणे के 46 में केसर की खेती करने का फैसला लिया उसके बाद में पैलेस में केसर की खेती करके ही लाखों रुपए की कमाई भी की।

शैलेश ने एक शिपिंग कंटेनर में टेम्परेचर कंट्रोल करके केसर की खेती करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि उन्होंने हाइड्रोपोनिक विधि का उपयोग करके कंटेनर में अन्य फसलों की खेती करने के भी उपाय सोचे हैं और उन्होंने कंटेनर में उन्नततम तकनीक से कई प्रकार की सब्जियां उगाई हैं। इसमें से कुछ सब्जियां विदेशों में भी बेची जाती हैं और शैलेश ने उन्हें अपनी खेती में शामिल किया है।

शैलेश ने कई सालों तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में काम किया था, लेकिन अब सामान ढोने वाले कंटेनर के भीतर टेम्परेचर कंट्रोल करने वाले पैलेस मोदक में केसर की खेती कर रहे हैं। भारत में केसर की खेती का उत्पादन ₹300,000 प्रति किलो के हिसाब से किया जाता है। शैलेश ने बताया कि कंटेनर में 160 स्क्वायर फीट क्षेत्र में 5 से 6 किलो केसर का उत्पादन आसानी से हो जाता है।

सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने 13 साल की नौकरी को छोड़ने के बाद केसर की खेती करने का फैसला लिया है। केसर की खेती भारत के कुछ इलाकों में सीमित होती है, और इसे खेती के तस्वीर में ही किया जाता है। इसने कंटेनर के भीतर टेम्परेचर कंट्रोल करके खेती करने का निर्णय लिया है।

केसर के बीज से हार्वेस्टर तक का सभी काम शैलेश द्वारा किया जाता है। उन्होंने कश्मीर से केसर के बीज प्राप्त किए और इन्हें कंटेनर में बोने का निर्णय लिया। इस कंटेनर में केसर के बीजों को रखकर उन्होंने आधा एकड़ जमीन में केसर की खेती की।

6 साल पहले शैलेश ने मोदक में केसर की खेती की शुरुआत की थी। उससे पहले वह मधुमक्खी बॉक्सों से व्हाट्सएप के माध्यम से कमाई करने का नुस्खा भी निकाल चुके थे। शैलेश को इंपोर्ट-एक्सपोर्ट व्यापार का भी अनुभव है और उन्होंने उसे कारोबार में भी लागू किया है। उन्हें कंटेनर की आईडिया भी उसी से मिली। एक बेकार पड़ा हुआ कंटेनर उनके पास आया था, तब उन्होंने सोचा कि उसे किसी काम में लाया जाए। कैलिस ने बताया कि उन्हें खुले में खेती करने के लिए धूप और बारिश का बहुत नुकसान होता है, इसलिए वे टेंपरेचर कंट्रोल करने वाले माहौल में ही खेती करना चाहते थे।

भारत में केसर की आवश्यकता 1000 टन होती है, लेकिन यहां पर केवल 4 टन ही केसर का उत्पादन किया जाता है। इत्र की खपत के लिए भारत बड़े देशों जैसे ईरान, अफगानिस्तान, नीदरलैंड आदि से भी केसर का आयात करता है। शैलेश ने आत्मनिर्भर भारत के तहत देश को केसर के मामले में स्वयंप्रभु बनाने के लिए केसर की खेती करने का निर्णय लिया है।

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