Sanjiv Bhasin ने कहा शेयर मार्केट पोर्टफोलियो बनाने का कोई निश्चित समय नहीं होता, ये बातें ध्यान में रखें
शेयर मार्केट को लेकर इन दिनों एक चर्चा चल रही है कि मार्केट यहां से करेक्ट होंगे या फिर एक और बुल रन की तरफ दौड़ पड़ेगे. ज़्यादातर एनालिस्ट मानते हैं कि भारतीय शेयर बाज़ार का आउट लुक लॉन्ग टर्म में पॉज़िटिव है. लेकिन इसके साथ स्टॉक को उनके सही वैल्यूएशन पर ही लेना चाहिए. इसमें दूसरा पक्ष यह भी है कि निवेशकों को स्टॉक रैली छूट जाने (FOMO) का डर भी है.
यह भी माना जा रहा है कि आगे बढ़ने से पहले भारतीय शेयर बाज़ार में एक करेक्शन हो सकता है और फिर की-सपोर्ट लेवल से मार्केट में बाइंग आएगी. कई निवेशक इस पॉइंट पर अपना पोर्टफोलियो भी बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं, लेकिन उनके मन में सवाल है कि पोर्टफोलियो कब बनाया जाए. शेयर मार्केट में खरीदारी करने का सही समय क्या है?
शेयर मार्केट के एक्सपर्ट Sanjiv Bhasin ने ईटी से बात करते हुए कहा कि शेयर मार्केट में अपना पोर्टफोलियो बनाने का कोई निश्चित समय नहीं होता. मार्केट में पोर्टफोलियो बनाने के संदर्भ में समय की कोई पाबंदी नहीं, यह एक मिथ है. भसीन ने कहा कि इस समय मार्केट में जो खरीद रहा है वह भी परेशान है और जो नहीं खरीद रहा है, वह भी परेशान है कि कहीं मौका हाथ से निकल न जाए.
भसीन ने कहा कि पोर्टफोलियो के लिए ऐसे स्टॉक लिये जाने चाहिए जिनकी रीज़नेबल अर्निंग्स हो रही हों. उन्होंने कहा कि अंत में जो मायने रखता है, वह है अर्निंग, मैक्रो और माइक्रो. भारतीय बाज़ार इन तीनों बिंदुओं पर आउट परफॉर्म करेंगे.
उन्होंने कहा कि बैंकों के नंबर अच्छे आए लेकिन डिपॉज़िट और मार्जिन को लेकर कुछ था, जिसके वजह से स्टॉक उतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाए. ये अच्छी वैल्यूएशन में नज़र आ रहे हैं, इन्हें एक्यूमुलेट करना शुरू कर देना चाहिए. भसीन ने एक अहम सलाह देते हुए कहा कि अगर मार्केट कंसोलिडेट करने लगे तो अपने पोर्टफोलियो के लिए ब्लूचिप स्टॉक लीजिए.भसीन ने कहा कि आने वाले लोकसभा चुनाव में अगर मोदी सरकार की वापसी होती है तो हम सभी जानते हैं कि फिर बाज़ार नई ऊंचाइयां छुएंगे. उन्होंन कहा कि खास बात यह है कि जब बाज़ार में तेज़ी आए तो आप निवेशित रहें.