स्कूल फीस देने के नहीं थे पैसे, पाई-पाई को थे मोहताज, ज्योतिष की 1 सलाह से पलटी किस्मत, आज अरबों में नेट वर्थ

बॉलीवुड के कई ऐसे सितारे हैं जिन्होंने फर्श से अर्श तक का सफर तय किया है. गरीबी और बदहाली में बचपन गुजारने के बाद इन सितारों ने अपनी कड़ी मेहनत से अपनी तकदीर खुद लिखी. आज बॉलीवुड के एक ऐसे मशहूर सिंगर के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. नन्हीं सी उम्र में जब सिंगर के कंधों पर घर की जिम्मेदारियों का बोझ पड़ा, तो उन्होंने पढ़ाई-लिखाई छोड़ काम-काज करना शुरू कर दिया.

आज देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया इस सिंगर और म्यूजिक कंपोजर के गानों की दीवानी है. भारतीय भाषाओं में लिखे गए उनके गीतों पर विदेशों में भी ऑडियंस ऐसे झूम उठती है जैसे मानों ये गाने बस उन्हीं के लिए लिखे गए हों. इस म्यूजिक कंपोजर की सबसे बड़ी खासियत ये है कि वह अपने गीतों के जरिए किसी की भी रूह को छू सकते हैं. रूहानी गानों के लिए मशहूर एआर रहमान कल यानी 6 जनवरी को अपना जन्मदिन मनाने जा रहे हैं. इस मौके पर आज आपको उनकी जिंदगी के कुछ बेहद खास किस्सों से वाकिफ कराते हैं ।

एआर रहमान का जन्म तमिलनाडू के चेन्नई में हुआ था. उनके पिता आरके शेखर मलयालम फिल्मों में बतौर म्यूजिक कंपोजर काम किया करते थे. हिंदू परिवार में जन्में एआर रहमान को उनके माता-पिता द्वारा दिलीप कुमार नाम दिया गया था. हालांकि, बाद में उन्होंने धर्म परिवर्तन कर इस्लाम कबूल लिया और अपना नाम अल्लाह राखा रहमान रख लिया ।

एआर रहमान का नाम बदलने के पीछे की कहानी भी काफी दिलचस्प है. दरअसल, रहमान की बायोग्राफी ‘द स्पिरिट ऑफ म्यूजिक’ में बताया गया है कि उन्होंने एक ज्योतिष की सलाह पर अपना नाम दिलीप से बदलकर रहमान रख लिया था. उनके ज्योतिष ने उनकी कुंडली देखते हुए उन्हें नाम बदलने की सलाह दी थी ।

ये दिग्गज म्यूजिक कंपोजर महज 9 साल के थे जब उनके सिर से पिता का साया उठ गया था. अज्ञात बीमारी के चलते पिता के असमय निधन से सिंगर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था और उनके परिवार को आर्थिक तंगी से भी जूझना पड़ा. आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे एआर रहमान ने छोटी सी उम्र में पढ़ाई छोड़ घर की जिम्मेदारियों का बोझ उठा लिया था.

रहमान प्रोफेशनली पियानो बजा घर का खर्च उठाया करते थे. स्कूल छोड़ने के कुछ साल बाद उन्होंने कॉलेज में दाखिला तो लिया, लेकिन फिर म्यूजिक में करियर बनाने के लिए उन्होंने कॉलेज से ड्रॉपआउट कर दिया. कॉलेज से ड्रॉपआउट करने के बाद उन्होंने अपना बैंड भी बनाया और फिर कई विज्ञापनों के जिंगल्स भी लिखे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एआर रहमान ने करीबन 300 विज्ञापनों के जिंगल्स लिखे थे ।

धीरे-धीरे उनके काम को पहचान मिलने लगी और उन्हें फिल्मों में पहला ब्रेक तमिल फिल्म ‘रोजा’ से मिला था. इस फिल्म में उनके गानों को दर्शकों ने काफी पसंद किया था. बस फिर क्या था एक बार फिल्मों में गाने कंपोज करने की शुरुआत करते ही एआर रहमान का करियर रफ्तार पकड़ने लगा.

 

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