थाने के भंडारगृह में जब्त है अर्जुन अवॉर्ड जैसी नेशनल प्रोपर्टी, दिल्ली पुलिस ने कहा- वे जब चाहें तब…
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ कार्रवाई नहीं किए जाने पर भारत के दिग्गज पहलवानों की लिस्ट में शुमार विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने कुछ दिन पहले अपने अवॉर्ड को वापस करने का ऐलान किया था. अपने अवॉर्ड को वापस करने के लिए विनेश फोगाट 30 दिसंबर को पीएमओ जा रही थी. लेकिन उन्हें पुलिस ने अंदर जाने से रोक लिया. जिसके बाद वह अपने अवॉर्ड (खेल रत्न और अर्जुन अवॉर्ड) कोकर्तव्य पथ पर ही छोड़ कर चली गई.
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार दोनों ही बार अवॉर्ड्स पुलिस कर्मियों द्वारा उठाए गए और दिल्ली पुलिस अधिनियम की धारा 66 के तहत जब्त कर लिए गए. पहलवानों को अभी तक अपने पुरस्कार वापस नहीं मिले हैं. पुलिस ने इन सम्मान चिह्नों को मालखाने में रख दिया है. थाने का मालखाना वो जगह होती है पुलिस जहां जब्तशुदा या मुकदमे से जुड़े तमाम चीजों को थाने में सुरक्षित रखती है.
एक अधिकारी ने इसे लेकर कहा, “हमने तीनों पुरस्कारों को एक कवर में सील कर दिया है और उन्हें अलमारी में बंद कर दिया है. मालखाने में हम किसी भी तरह का जोखिम नहीं ले सकते और अब हम अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं. पिछले दिनों हमने दूसरे पुलिस स्टेशनों के मालखाने से कई चीजें गायब होते देखी हैं. ये नेशनल प्रोपर्टी है. हम इंतजार कर रहे हैं कि वे अपना अवॉर्ड जल्द ले जाएं. “
विनेश फोगाट ने अवॉर्ड्स को मालखाने में रखे जाने पर इंडियन एक्सप्रेस से कहा,”मैंने अपने अवॉर्ड्स लौटा दिए हैं. अब वे सरकार की संपत्ति हैं, मेरी नहीं. लेकिन वे अवॉर्ड्स के साथ क्या कर रहे हैं. इस संबंध में मुझे दिल्ली पुलिस सहित किसी से भी कोई सूचना या फोन नहीं आया है.”
इस मामले में बजरंग पुनिया का कहना है कि अभी तक किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया है. “यह हमारी संपत्ति नहीं है, यह उनकी है क्योंकि हमने इसे सरकार से लिया और फिर सरकार को वापस दे दिया. अब दिल्ली पुलिस इसे सरकार को वापस सौंप रहे हैं या नहीं, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है.”