पाकिस्तान को झटका, UAE की एंट्री… जानें दुनिया के सबसे पावरफुल देशों में कौन-कौन शामिल हुआ, भारत कहां है?

दुनिया के शक्तिशाली देशों की लिस्ट जारी कर दी गई है. लिस्ट में अमेरिका पहले पायदान पर बना हुआ है. खास बात है कि अब इसमें UAE की एंट्री भी हो गई है. दूसरे पायदान पर चीन, तीसरे पर रूस, चौथे पर जर्मनी और पांचवे पर UK है. हर साल शक्तिशाली देशों की US पॉवर रैंकिंग जारी की जाती है. चौंकाने वाली बात है कि 10वें पायदान पर ही सही UAE की पहली बार टॉप-10 में एंट्री हुई है.

लिस्ट में छठे पायदान पर दक्षिण कोरिया, सातवें पर फ्रांस, आठवें पर जापान, नवें पर सऊदी अरब और दसवें नम्बर पर UAE है. जानिए कैसे तैयार होती है दुनिया के सबसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट और भारत-पाकिस्तान किस पायदान पर है?

भारत-पाकिस्तान का क्या हाल?

US पॉवर रैंकिंग में 87 देशों को शामिल किया गया है. दुनियाभर में बढ़ते रुतबे और सैन्य शक्ति के कारण भारत को 12वें पायदान पर रखा गया है. इस लिस्ट में पाकिस्तान को नहीं शामिल नहीं किया गया है. सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं जो लिस्ट में जगह बनाने में असफल रहे हैं. इसकी भी वजह है.

कौन सा देश शक्तिशाली कैसे तय होता है?

87 शक्तिशाली देशों की लिस्ट में किसी भी मुल्क का नाम शामिल करने के लिए कुछ बातों को देखा जाता है. जैसे- वो देश कारोबार के मामले में कितना आगे चल रहा है. अर्थव्यवस्था कैसी है और वहां के लोग कितना बेहतर जीवन बिता रहे हैं. इन तीनों मामलों में आगे रहने वाले देशों को लिस्ट में जगह मिलती है.

इस तरह इनमें उन देशों को रखा गया जिन्होंने जीडीपी में 2017 से 2021 तक वर्ल्ड बैंक डाटा में अपनी जगह बनाई. जिन्होंने विदेशी निवेशकों, पर्यटकों की पसंद बनने के साथ ह्यूमन डेवलपमेंट इंडेक्स का हिस्सा बने. इन चारों मानकों पर साबित न हो पाने वाले देशों को लिस्ट में जगह नहीं दी गई.

किस आधार पर तैयार होती है लिस्ट?

पर सवाल है कि आखिर कौन सा देश पावरफुल है, यह तय कैसे होता है. दरअसल शक्तिशाली देशों की लिस्ट बनाने के लिए कई फैक्टर्स का ध्यान रखा जाता है. अलग-अलग फैक्टर्स को अलग-अलग पर्सेंटेज दिए गए हैं, इसके आधार पर रैंक तैयार की जाती है.

जैसे- आंत्रप्रेन्योरशिप (14.13%), क्वालिटी ऑफ लाइफ (14.12%), एजिलिटी (14.02%), सोशल पर्पज (12.83%), मूवर्स (11.54%), ओपन फॉर बिजनेस (9.43%), एडवेंचर (5.37%), पावर (5.00%) और हेरिटेज (3.13%).

इस तरह देशों की रैंकिंग तैयार करते समय यह देखा जाता है कि वहां की जनसंख्या कितनी पढ़ी-लिखी है. वहां की मार्केट कैसी है. महिलाओं और पुरुषों की आय में कितनी बराबरी है. नौकरी करने के लिए कैसा माहौल है. वहां मानवाधिकारों की कितनी रक्षा की जाती है. एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम कैसा है. लोग कितने स्किल्ड हैं. बिजनेस करने के लिए कितना बेहतर माहौल है. इंफ्रास्ट्रक्चर कितना अच्छा है. कितना सुरक्षित देश है. ऐतिहासिक तौर पर कितनी समृद्ध विरासत है.

उत्पादों के निर्माण की लागत कितनी कम आती है. वहां का खाना कितना लजीज है. कितनी सुहाना मौसम रहता है. कितना करप्शन से दूर है… ऐसे कई मानकों पर उन देशों को परखा जाता है इसके बाद ही उसे शक्तिशाली देशों की लिस्ट में जगह मिलती है.

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