दिल्ली-UP में बनी बात, बंगाल में नहीं गल रही ‘दाल’…अधीर-ममता की लड़ाई में उलझी कांग्रेस
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस के गठबंधन के बावजूद पश्चिम बंगाल में बात नहीं बन पा रही है. बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के बीच तकरार जारी है. तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और उनके नेता एवं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के बीच प्रत्येक दिन बयानबाजी हो रही है. शनिवार को अधीर चौधरी ने फिर से टीएमसी पर हमला बोलते हुए कहा कि टीएमसी का दुविधा में है. उसे यह साफ कर देना चाहिए कि कांग्रेस के साथ गठबंधन होगा या नहीं. वहीं, टीएमसी के सांसद शांतनु सेन ने बयान जारी कर कहा कि अधीर रंजन चौधरी को पहले अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए कि वह क्या चाहते हैं?
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ” तृणमूल कांग्रेस दुविधा में हैं. पार्टी सुप्रीमो (ममता बनर्जी) की ओर से आधिकारिक तौर पर हां या ना होनी चाहिए. वे आधिकारिक तौर पर यह नहीं कह रहे हैं कि गठबंधन की प्रक्रिया चल रही है या गठबंधन खत्म हो गया है. क्योंकि वे दुविधा में हैं.”
उन्होंने कहा कि पहली दुविधा है कि पार्टी के एक वर्ग का मानना है कि अगर वे इंडिया गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ते हैं, तो पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक उनके खिलाफ वोट करेंगे. टीएमसी का एक वर्ग चाहती है कि गठबंधन जारी रहे. एक और वर्ग इस दुविधा में है कि अगर गठबंधन को बंगाल में ज्यादा महत्व दिया गया तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी, सीबीआई का इस्तेमाल करेगी.”
उन्होंने कहा कि इन दो दुविधाओं के कारण टीएमसी ऐसा नहीं कर पाई है. हो सकता है कि दिल्ली में कुछ बातचीत हो, लेकिन मेरे पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है.”
पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और सांसद अधीर रंजन चौधरी के बयान पर टीएमसी सांसद शांतनु सेन का कहना है, ”अधीर चौधरी को पहले अपना रुख साफ करना चाहिए. हर कोई जानता है कि पिछले कुछ सालों से वह बीजेपी विरोधी ताकत टीएमसी को बदनाम करने की हर संभव कोशिश कर रहे हैं. बीजेपी को ऑक्सीजन देने के लिए आईएसएफ और लेफ्ट के साथ समझौते की बात चल रही है.”
सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस-टीएमसी में नहीं बनी बात
बता दें कि ममता बनर्जी ने साफ कर दिया था कि बंगाल में टीएमसी राज्य की 42 सीटों पर अकेले लड़ेगी. कांग्रेस या लेफ्ट में से किसी के साथ समझौता नहीं होगा. इसके बाद कांग्रेस की ओर से यह बयान आया कि सीटों के बंटवारे पर बातचीत चल रही है. टीएमसी ने पहले दो सीट देने की पेशकश की थी और अब वह पांच सीट देने पर राजी हो गई है.
कांग्रेस के आला नेता जयराम रमेश ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा था कि बातचीत के दरवाजे अभी बंद नहीं हुए हैं. ममता बनर्जी से सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही है. उन्होंने इस संदर्भ में समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी का उदाहरण भी दिया. कांग्रेस ने दोनों पार्टियों के साथ सीटें साझा की हैं. इसलिए कांग्रेस नेता आशान्वित हैं कि तृणमूल के साथ सभी उलझने सुलझ जाएंगी.
लेकिन जयराम रमेश के बयान के बाद डेरेक ओ ब्रायन का बयान आया. उन्होंने कहा, ”कुछ हफ्ते पहले तृणमूल सुप्रीमो ने कहा था कि बंगाल की 42 सीटों पर तृणमूल अकेले लड़ेगी. असम और मेघालय की कुछ सीटों पर टीएमसी चुनाव लड़ेगी. पार्टी अभी भी इस स्थिति पर अड़ी हुई है.” राज्यसभा सांसद डेरेक के बयान से साफ है कि अब सीट बंटवारे की कोई संभावना नहीं है.
अधीर और टीएमसी नेताओं के बीच बयानबाजी जारी
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ लेकर बंगाल गए थे तो ममता बनर्जीने पहले ही अपना गुस्सा जाहिर कर दिया. उन्होंने इस बात पर खुलकर नाराजगी जताई कि उन्हें राहुल के बंगाल दौरे की जानकारी क्यों नहीं दी गई, कांग्रेस ने शिष्टाचार क्यों नहीं दिखाया. हालांकि, कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, ममता को फोन कर ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ में शामिल होने के लिए कहा गया था.
शुक्रवार को जयराम रमेश और डेरेक ओ ब्रायन के बयान के बाद शनिवार को फिर से अधीर चौधरी और शांतनु सेन का बयान सामने आ गया है. इससे साफ है कि दोनों पार्टियों के बीच उलझने कम नहीं हो रही है. जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. दोनों पार्टियों के बीच दरार और गहरी होती जा रही है. यह देखना होगा कि लोकसभा चुनाव से पहले दोनों पार्टियां एक होकर चुनाव लड़ पाएगी या फिर बंगाल में त्रिकोणीय मुकाबला ही होगा.