शिक्षक भर्ती घोटाला: ममता सरकार को SC से झटका, हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार, अब 6 मई को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट से ममता बनर्जी सरकार को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार के अधिकारियों के खिलाफ सीबीआई जांच पर फिलहाल रोक लगा दी है.

दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में 24,000 शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द करने और भर्ती प्रक्रिया को अवैध बताने के बाद बंगाल सरकार ने शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था.

सोमवार को याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा, “हम उस निर्देश पर फिलहाल रोक लगा रहे हैं जिसमें कहा गया है कि सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) राज्य सरकार के अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी.”

सीबीआई ने राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और कुछ पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया था, जो कथित घोटाला होने के समय डब्ल्यूबीएसएससी में पद पर थे. अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 6 मई को सुनवाई करेगा.

CJI ने भर्ती प्रक्रिया पर उठाए सवाल

CJI ने सुनवाई करते हुए कहा कि जो लोग पैनल में नहीं थे, उन्हें भर्ती कर लिया गया. यह पूरी तरह से धोखाधड़ी है। एक बार जब उन्हें पता चला कि ये नियुक्तियाँ अवैध थीं तो अन्य पद क्यों बनाए गए? हां ओएमआर शीट नष्ट कर दी गई हैं. यह मिरर सर्वर में भी नहीं है. इस पर वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि नियम यह प्रावधान करते हैं कि ओएमआर को 1 या 2 साल के लिए रखा जाना चाहिए, आठ साल के लिए नहीं।

सीजेआई ने पूछा कि यदि ओएमआर शीट अभी वहां नहीं है तो वैध को अवैध से अलग कैसे किया जा सकता है? हम देखते हैं कि 25,0000 नौकरियां छीन लेना गंभीर बात है. जब तक हम यह न देख लें कि पूरा मामला धोखाधड़ी से भरा है और धोखाधड़ी के लाभार्थी कौन हैं. आदेश में कहा गया है कि सीबीआई राज्य सरकार में उन अधिकारियों के खिलाफ आगे की जांच करेगी, जिन्होंने अतिरिक्त पद सृजित किए. अगली तारीख तक दिशा में कोई प्रारंभिक कार्रवाई नहीं की जाएगी. हम नहीं चाहते कि सीबीआई कोई त्वरित कदम उठाए.

ये है पूरा मामला

बता दें कि 26 अप्रैल को हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएससीसी) द्वारा गठित स्कूल शिक्षकों के लिए पूरे 2016 भर्ती पैनल को रद्द कर दिया था. पीठ ने सीबीआई को मामले में आगे की जांच करने और तीन महीने में रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर जरूरी हुआ तो सीबीआई मामले से जुड़े लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर सकती है. हाईकोर्ट के आदेश के दो दिन बाद, तृणमूल कांग्रेस सरकार ने फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया.

ममता सरकार ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट ने मौखिक प्रस्तुतियों के आधार पर और रिकॉर्ड पर किसी भी हलफनामे के अभाव में, सरकार को कोई आवश्यक व्यवस्था करने के लिए पर्याप्त समय दिए बिना मनमाने ढंग से नियुक्तियों के साथ-साथ पूरी चयन प्रक्रिया को रद्द कर दिया. हाईकोर्ट ने डब्ल्यूबीएसएससी को लोकसभा चुनाव परिणाम घोषित होने के एक पखवाड़े के भीतर नई नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने को कहा था. सरकार ने इसे भी शीर्ष अदालत में चुनौती दी. हाईकोर्ट ने भर्ती प्रवेश परीक्षा की 23 लाख ओएमआर शीट (टेस्ट पेपर) के पुनर्मूल्यांकन का भी आदेश दिया था.

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