वो 5 चेहरे, जिन्हें ED ने किया गिरफ्तार, लेकिन अब तक नहीं आ पाए जेल से बाहर, ये 5 अब भी रडार पर
दिल्ली सरकार में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को ईडी ने फरवरी 2022 में गिरफ्तार किया था. उन्हें शराब घोटाले में मुख्य आरोपी बनाया गया है. तब से वे बाहर नहीं आ पाए हैं. 2 दिन पहले उन्होंने राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर पत्नी से हर हफ्ते मिलने का समय मांगा था. ईडी को अभी इस पर जवाब देना है.
आम आदमी पार्टी के ही एक और नेता संजय सिंह (Sanjay Singh) को ED ने 4 अक्तूबर को गिरफ्तार किया था. दिल्ली आबकारी नीति से जुड़े कथित घोटाले में उनपर भी मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. दिनेश अरोड़ा नाम के एक शख्स ने उनके खिलाफ गवाही दी है, जिसकी वजह से संजय सिंह बाहर नहीं आ पा रहे हैं.
केजरीवाल के बेहद करीबी और आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री रहे सत्येंद्र जैन (Satyendar Jain) को भी ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था. उन चार कंपनियों के जरिये धनशोधन का आरोप है, जो कथित तौर पर उनसे ही जुड़ी हुई थीं. फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इलाज के लिए उन्हें अंतरिम जमानत दी हुई है. इलाज के बाद उन्हें फिर जेल जाना होगा.
तृणमूल कांग्रेस के नेता और पश्चिम बंगाल के मंत्री रहे ज्योति प्रिया मलिक ( Jyoti Priya Mallick) को 30 अक्तूबर को ED ने गिरफ्तार किया था. करोड़ों रुपये के राशन वितरण घोटाले में उनकी संलिप्तता पाई गई है. ये घोटाला 2011 से 2021 के बीच हुआ था, तब ज्योति मलिक राज्य के खाद्य मंत्री थे. तब से वे जेल के अंदर हैं.
तमिलनाडु की डीएमके सरकार में मंत्री वी सेंथिल बालाजी को भी ईडी ने ही गिरफ्तार किया था. बालाजी तकरीबन 260 दिनों से सलाखों के पीछे हैं. उन पर नकदी के बदले नौकरी मामले में धनशोधन का आरोप है. 31 जनवरी तक वह प्रवर्तन निदेशालय की रिमांड पर थे. हाईकोर्ट ने उनके जेल में होने के बावजूद मंत्री पद पर बने रहने पर सवाल उठाए थे.
जो बड़े नेता ईडी की रडार पर हैं, उनमें सबसे पहला नाम दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का है. केजरीवाल को ईडी 4 बार समन भेज चुकी है, लेकिन वे पेश नहीं हुए. अब ईडी ने उन्हें 5वां समन भेजा है और पूछताछ के लिए बुलाया है. आबकारी घोटाले में जांच एजेंसी को उनसे सवाल जवाब करने हैं.
दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी (Abhishek Banerjee) हैं. बंगाल स्कूल रोजगार घोटाले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने 9 नवंबर को उनसे पूछताछ किया था. प्राथमिक स्कूल नौकरी घोटाले में पैसे के लेन-देन की जांच के संबंध में एजेंसी ने उनसे पूछताछ की थी. तब अभिषेक ने कहा था कि मेरे पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है.
राजद नेता और लालू यादव के पुत्र तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) भी घिरते नजर आ रहे हैं; एक दिन पहले ही ईडी ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में उनसे 10 घंटे तक पूछताछ की थी. कहा जा रहा था कि ईडी की टीम ने 60 से अधिक सवालों की लिस्ट तैयार की थी. इससे पहले लालू यादव से भी इसी मामले में पूछताछ की गई थी.
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) महादेव बेटिंग ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की रडार पर हैं. 3 नवंबर को ईडी ने दावा किया था कि बेटिंग ऐप के प्रमोटर्स ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अब तक 508 करोड़ रुपये दे चुके हैं. हालांकि, अभी तक बघेल से पूछताछ शुरू नहीं हुई है.
शरद पवार के पोते और एनसीपी विधायक रोहित पवार (Rohit pawar) पर भी ईडी का शिकंजा कसता जा रहा है. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में 7 दिन पहले ईडी ने रोहित से पूछताछ की थी. 2 फरवरी यानी कल फिर उन्हें पूछताछ के लिए तलब किया गया है. इससे पहले एनसीपी के अनिल देशमुख समेत कई नेता ईडी की रडार पर आ चुके हैं.