घर की छत ठीक करवा रहा था शख्‍स, तभी दिखा खुफ‍िया दरवाजा, अंदर से निकला एक बॉक्‍स, खुला 80 साल पुराना राज

पुराने घर में कई बार अजीबोगरीब चीजें मिल जाती हैं. जो हमें आश्चर्यचक‍ित कर देती हैं. कुछ ऐसा ही एक शख्‍स के साथ हुआ. वह घर की छत ठीक करवा रहा था, क्‍योंकि उससे पानी रिस रहा था. तभी एक ऐसी चीज नजर आई, जिसे देखकर पहले तो उसके होश उड़ गए. बाद में जब उसे ध्‍यान से देखा तो 80 साल पुराना ऐसा राज खुला, जो सबको सीख दे गया. खासकर युवाओं को बता गया क‍ि उन्‍हें अपनी जिंदगी आगे कैसे जीनी चाहिए.

मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, बेल्जियम के रहने वाले इस शख्‍स ने वर्षों पुराना एक घर खरीदा. उसे लगा क‍ि इसे ठीक कराना चाह‍िए. लेकिन जैसे ही छत में तोड़फोड़ शुरू हुई. अंदर एक खुफ‍िया दरवाजा नजर आया. मजदूरों ने मलबा हटाया तो अंदर से एक बॉक्‍स निकला, जो काफी पुराना नजर आ रहा था. यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए. लेकिन जैसे ही उसे खोला, सब सकते में आ गए.

बॉक्‍स के अंदर एक लेटर

बॉक्‍स के अंदर एक लेटर पड़ा हुआ था, जो 21 जुलाई, 1941 को ल‍िखा गया था. इसमें उस वक्‍त काम करने वाले मजदूरों ने अपनी कहानी ल‍िखी थी. उन्‍हें क‍िन पर‍िस्‍थ‍ित‍ियों में जीना पड़ रहा, इसके बारे में बताया था. साथ ही युवाओं को सलाह भी दी थी. इस लेटर पर चार लोगों के हस्‍ताक्षर थे, जॉन जानसेन, जूल गिसेलिनक, लुईस चैन्ट्रेन और जूल वान हेमेल्डोनक. छानबीन में पता चला क‍ि 82 साल पहले इन्‍हीं लोगों ने ये छत बनाई थी. उस वक्‍त इन्‍हें जो कूपन मिलते थे, उसी पर इन्‍होंने लेटर लिखा और अपनी व्‍यथा को एक बॉक्‍स में बंदकर छत में पैक कर दिया.

इसे देखने के लिए जिंदा नहीं रहेंगे

लेटर में लिखा था, जब दोबार इस छत को ठीक किया जाएगा तो शायद हम इसे देखने के लिए जिंदा नहीं रहेंगे. हम आने वाली पीढ़ियों को बताना चाहते हैं क‍ि हमारा जीवन सुखी नहीं है. हम दो युद्धों से गुजरे हैं. एक 1914 में और एक 1940 में. हम यहां भूखे-प्‍यासे काम करने को मजबूर हैं. कई लोग तो भूख की वजह से मर भी गए हैं. हमारे पास भी इतने पैसे नहीं कि रोजाना खाना खा सकें.

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