हिस्ट्री..पॉलिटिकल साइंस पढ़ाने को टीचर ही नहीं.कहीं एक टीचर पर 416 बच्‍चे

Kolkata High Courts Decision:

के स्कूल भर्ती प्रक्रिया के आदेशों को रद्द करने के फैसले के बाद बच्चों की पढ़ाई पर संकट खड़ा हो गया है। 2016 की भर्ती प्रक्रिया को न्यायालय ने रद्द करने के आदेश दिए हैं।

जिसके बाद 10 हजार विद्यार्थियों वाले फरक्का के अर्जुनपुर हाई स्कूल की बात करें, तो वहां अब सिर्फ 24 ही शिक्षण कर्मचारी बचे हैं। फैसले से पहले 60 थे। कूच बिहार के धैर्य नारायण हाई स्कूल में माध्यमिक विंग में हिस्ट्री पढ़ाने के लिए कोई टीचर नहीं बचा है। एचसी विंग में पॉलिटिकल साइंस का टीचर नहीं है। फैसले के बाद जोधपुर पार्क ब्वॉयज स्कूल में ग्रुप डी कर्मी की नौकरी चली गई है।

 

 

 

यही कर्मचारी साइंस लैब्स में हेल्प करता था। हाई कोर्ट ने पैसे लेकर नौकरी दिए जाने के चलते आदेश जारी किए थे। जिसके बाद 25 प्रतिशत टीचर्स के पद खाली हो गए हैं। अभी बात करें, तो बंगाल में 19500 सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल चल रहे हैं। जिनमें कक्षा 9-12 के लिए 76 हजार से अधिक शिक्षण कर्मी काम कर रहे थे। लेकिन कोर्ट के आदेशों के बाद लगभग 18500 नौकरियां जा सकती हैं। इनमें ग्रुप सी और डी की लगभग 6 हजार पोस्ट हैं। वहीं, टीचर्स की कमी के कारण कई सब्जेक्ट की पढ़ाई बंद की जा सकती है।

सबसे बड़ा सवाल-तत्काल भर्ती कैसे होगी?

हेडमास्टरों का कहना है कि यदि तत्काल भर्तियां नहीं की गईं, तो स्थिति बिगड़ सकती है। लेकिन फिलहाल इतनी संख्या में भर्ती आसान नहीं है। अधिकारी भी हाथ खड़े कर रहे हैं। वहीं, हाई कोर्ट ने साफ कहा है कि स्कूली सेवा आयोग 4 जून के 15 दिन बाद ही भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू कर सकता है। क्योंकि लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 को ही घोषित होंगे। तब तक गर्मियों की छुट्टियों के बाद स्कूल खुल जाएंगे। शिक्षा विभाग ने भी स्कूलों से बचे कर्मियों का डाटा मांग लिया है। माना जा रहा है कि ग्रुप डी कर्मी नहीं होने की सूरत में नियुक्त शिक्षकों को ही उसकी जिम्मेदारी निभानी पड़ सकती है।

फरक्का के अर्जुनपुर हाई स्कूल के प्रभारी शिक्षक सौरव अली के अनुसार उनके स्कूल से लगभग 36 टीचर्स की नौकरी गई है। कृष्णचंद्रपुर स्कूल में पहले ही 3 पोस्ट खाली थीं। 9 की नौकरी अब चली गई। यहां पर स्वीकृत पद 54 हैं। फिजिक्स, मैथ, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के टीचर्स के पद पहले से खाली हैं। यहां कैसे 11 टीचर्स की कमी से 55 कक्षाएं चलेंगी, ये अपने आप में सवाल है।

मुर्शिदाबाद लालनगर हाई स्कूल के हेडमास्टर का प्रभार सरवर्दी बिस्वास के पास है। उन्होंने कहा कि 30 में से 8 टीचर नौकरी से हाथ धो चुके हैं। 2 गैर शिक्षक कर्मियों की नौकरी भी गई है। कुलतली दक्षिण में देबीपुर करुणामयी बालिका विद्यालय का भी यही हाल है। यहां 175 बच्चों के लिए 4 टीचर बचे हैं। पहले 6 थे।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *