हाथ-पैर में जकड़न रहती है, कहीं आपके शरीर में इस मिनरल की कमी तो नहीं?

शरीर को हेल्दी रहने और ठीक तरह से काम करते रहने के लिए कुछ ज़रूरी मिनरल्स, विटामिंस, और फाइबर की ज़रुरत होती है. ऐसा ही एक मिनरल है मैग्नीशियम. ये आपके शरीर के लिए ज़रूरी है. ख़ासकर आपकी मांसपेशियों के लिए.

अगर आपको मांसपेशियों में दर्द रहता है या बैठे-बैठे ऐंठन होती है तो इसके पीछे एक बड़ी वजह मैग्नीशियम की कमी हो सकती है. आज डॉक्टर से जानेंगे कि मैग्नीशियम शरीर के लिए क्यों ज़रूरी है? रोज़ कितना मैग्नीशियम लेना चाहिए? मैग्नीशियम की कमी से शरीर में कैसे लक्षण दिखते हैं? और मैग्नीशियम के लिए वेज और नॉनवेज पसंद करने वाले क्या खाएं?

मैग्नीशियम शरीर के लिए क्यों ज़रूरी है?

ये हमें बताया डॉक्टर अंकित टुटेजा ने.

(डॉ. अंकित टुटेजा, एसोसिएट कंसल्टेंट, इंटर्नल मेडिसिन, आकाश हेल्थकेयर)

मैग्नीशियम एक माइक्रोन्यूट्रिएंट है, यानी इस मिनिरल की शरीर को ज़रूरत तो है लेकिन कम मात्रा में. मैग्नीशियम का शरीर में काफी अहम रोल होता है, और इसकी कमी से शरीर को नुकसान होता है. शरीर के करीब 300 एन्ज़ाइम रिएक्शन में मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है. मैग्नीशियम मांसपेशियों की सेहत के लिए भी ज़रूरी है. मैग्नीशियम की कमी से मांसपेशियों में क्रैम्प्स होने लगते हैं, कमजोरी आ जाती है और थकावट महसूस होती है. नर्व्स के ठीक से काम करने के लिए भी मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है.

ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखने के लिए भी मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है. मैग्नीशियम इम्यूनिटी को भी मजबूत करता है. मैग्नीशियम हड्डियों के लिए भी जरूरी है, इसकी कमी से हड्डियों का विकास नहीं हो पाता और ये कमज़ोर हो जाती हैं. विटामिन-डी अब्सॉर्ब करने के लिए शरीर में मैग्नीशियम होना जरूरी है. मैग्नीशियम की कमी से डायबिटीज का खतरा बढ़ जाता है. इसलिए डायबिटीज से बचने के लिए मैग्नीशियम ज़रूरी है. इसकी वजह से ग्लूकोस और इंसुलिन ठीक से काम कर पाते हैं.

दिल की हेल्थ के लिए भी मैग्नीशियम जरूरी है. कंजेस्टिव हार्ट फेलियर (Conjestive Heart Failure) के मरीजों के इलाज में मैग्नीशियम का इस्तेमाल होता है. मैग्नीशियम की कमी की वजह से माइग्रेन की समस्या भी हो सकती है. शरीर में मैग्नीशियम का लेवल सामान्य रहने से माइग्रेन के अटैक कम आते हैं.

रोज़ कितना मैग्नीशियम लेना चाहिए?

दिनभर में पुरुषों को 400 से 420 मिलीग्राम मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है. महिलाओं को दिनभर में 300 से 310 मिलीग्राम मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है. वहीं प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को सामान्य से ज्यादा मैग्नीशियम की ज़रूरत होती है. इस दौरान महिलाओं को करीब 40 मिलीग्राम ज्यादा मैग्नीशियम चाहिए होता है. यानी दिनभर में करीब 350 मिलीग्राम.

मैग्नीशियम की कमी से शरीर में कैसे लक्षण दिखते हैं?

मैग्नीशियम की कमी की वजह से थकान महसूस होगी. भूख ठीक से नहीं लगेगी, खाना कम खाया जाएगा. हो सकता है कि हाथ-पैरों की नसों में झनझनाहट महसूस हो. मांसपेशियों में क्रैम्प्स आ सकते हैं. टांगों में सोते हुए भी क्रैम्प्स आ सकते हैं. अगर शरीर में मैग्नीशियम की काफी कमी है तब दौरे भी पड़ सकते हैं.

मैग्नीशियम के लिए वेज और नॉन वेज वाले क्या खाएं?

बहुत सारी खाने की चीज़ों से मैग्नीशियम की पूर्ति की जा सकती है. जैसे कि बादाम, मूंगफली, काजू, कद्दू के बीज, बीन्स, राजमा, पालक और आलू. वहीं नॉन वेज में सैमन मछली और चिकन में काफी मैग्नीशियम होता है. दूध और दही से भी मैग्नीशियम मिलता है. डार्क चॉकलेट में भी मैग्नीशियम होता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें.)

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