UP में अब ऐसे किया जाएगा जमीनों का अधिग्रहण, 80 गांवों की जमीनें होगी एक्वायर

देश के अलग-अलग शहरों की स्टडी रिपोर्ट के बाद न्यू नोएडा के जमीन अधिग्रहण के मॉडल पर अंतिम निर्णय हो सकेगा। शहर की स्टडी के लिए प्राधिकरण की ओर से नियोजन विभाग के जीएम को जिम्मा सौंपा गया है।

जीएम की ओर से गुजरात के भ्रमण के बाद अब दूसरे शहरों के अध्ययन की तैयारी है। इसके बाद प्राधिकरण की सीईओ को रिपोर्ट दी जाएगी। सीईओ के फैसले के बाद जमीन अधिग्रहण के मॉडल पर अंतिम फैसला हो पाएगा।

दरअसल, दादरी-नोएडा-गाजियाबाद निवेश क्षेत्र (डीएनजीआईआर) को विकसित करने की कवायद जल्द शुरू होगी। ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर के 80 गांवों को विकसित कर न्यू नोएडा की स्थापना करनी है।

इसे नोएडा प्राधिकरण विकसित करेगा। यहां के गांवों के विकास से पहले जमीन अधिग्रहण की जरूरत होगी। इसके लिए स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्ट (एसपीए) को जिम्मा सौंपा गया है।

एसपीए की ओर से मास्टर प्लान बनाकर लाया गया था। लेकिन इसमें कई संशोधन हो चुके हैं। अभी भी मास्टर प्लान को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है। इसी कड़ी में न्यू नोएडा का काम शुरू कराने के लिए नोएडा प्राधिकरण ने अपने बजट में 1000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना बनाई है।

लेकिन पहले चरण के जमीन अधिग्रहण से पहले विकास की योजना पर पानी फिरता नजर आ रहा है। यही वजह है कि दूसरे शहरों के अध्ययन के बाद यह फैसला हो पाएगा कि किस तरह से जमीन का अधिग्रहण करना है।

न्यू नोएडा के विकास के दौरान सबसे ज्यादा फोकस औद्योगिक क्षेत्रों को लेकर होगा। लेकिन यहां आवासीय, संस्थागत भूमि के अलावा हरियाली, परिवहन समेत दूसरे अन्य विकास भी होंगे।

दूसरे चरण में इसकी वित्तीय योजना भी बनानी होगी ताकि कहां-कहां किस मद में पैसे खर्च करने हैं यह पहले से पता चल सके। इसका काम प्राधिकरण अपने स्तर पर भी कर रहा है।

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