ये है कुंवारों का गांव, शादी की उम्मीद में बूढ़ा गए लोग, यज्ञ-हवन सब फेल, इस कारण नहीं आती कोई महिला

दुनिया में ऐसी कई जगहें हैं, जो अपनी अजीबोगरीब खूबी की वजह से मशहूर हो जाती हैं. कहीं का खाना मशहूर होता है, भारत में एक गांव हैं, जहां सिर्फ जुड़वा बच्चे पैदा होते हैं. इसी तरह से बिहार का एक गांव भी मशहूर है. लेकिन उसकी वजह मजेदार है. दरअसल, इस गांव को कुंवारों का गांव कहा जाता है. ऐसा नहीं है कि इस गांव में मर्दों को शादी करने का मन नहीं है. इनकी शादी ना होने की ख़ास वजह है.

हम बात कर रहे हैं बिहार की राजधानी पटना से करीब तीन सौ किलोमीटर दूर स्थित बरवां कलां नाम के गांव की. इस गांव को कुंवारों का गांव भी कहा जाता है. इस नाम की ख़ास वजह है. दरअसल, इस गांव में पिछले पचास साल में शादियां नहीं हुई है. किसी तरह से 2017 में यहां एक बार शहनाई बजी. लेकिन उसके बाद ये सिलसिला फिर से थम गया. आखिर ऐसी क्या वजह है कि इस जगह पर रहने वाले मर्दों को बिना शादी के ही जिंदगी गुजरानी पड़ रही है?

श्राप नहीं ये है प्रशासनिक लापरवाही

अगर आपको ऐसा लग रहा है कि ये जगह श्रापित है तो आप गलत हैं. ऐसा नहीं है कि इस जगह पर रहने वाले मर्दों पर किसी ने जादू-टोना किया है. दरअसल, इस गांव के लोगों की शादी ना होने की वजह है प्रशासनिक लापरवाही. ये गांव आज भी मूलभूत जरूरतों से अछूता है. इस गांव में बिजली नहीं है. पीने के पानी की सप्लाई नहीं है. यहां तक कि इस गांव में सड़क भी नहीं है. इस वजह से कोई भी परिवार अपनी बेटी को इस गांव में नहीं भेजता है. इस गांव में आपका मोबाइल भी बेकार हो जाएगा क्यूंकि यहां नेटवर्क नहीं आता.

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