महीनों से चल रही थी पूनम की ये प्लानिंग, वेबसाइट खोलते ही सच सामने!

(Poonam Pandey) ने सर्विकल कैंसर से जागरुकता के नाम पर जो स्टंट किया, मालूम होता है कि उसकी प्लानिंग महीनों से चल रही थी. ऐसा इसलिए क्योंकि पूनम ने 3 फरवरी को सामने आकर अपनी जिस वेबसाइट
(पूनम पांडे इस अलाइव डॉट कॉम )

के बारे में बताया, उसका डोमेन महीनों पहले रजिस्टर हुआ था.

पूनम का दावा है कि उन्होंने ये वेबसाइट सर्विकल कैंसर के बारे में जानकारी देने, इसके प्रति जागरुकता फैलाने के लिए लॉन्च की है.

पूनम की पूरी प्लानिंग

इंडिया टुडे के शुभम तिवारी की रिपोर्ट के मुताबिक वेबसाइट का डोमेन रजिस्ट्रेशन 18 जुलाई, 2023 को हुआ था. जिसे देखकर अनुमान है कि पूनम अपनी मौत की झूठी ख़बर फैलाने की प्लानिंग कई महीनों से कर रही थीं. डोमेन एक यूनिक वेब आइडेंटिफिकेशन होता है जिसका इस्तेमाल वेबसाइट, ईमेल सर्वर, और दूसरे नेटवर्क से जुड़ी सेवाओं की पहचान के लिए होता है.

अब सवाल कि क्या उन्होंने अपनी मौत के बारे में झूठी ख़बर इसीलिए फैलाई ताकि कैंसर से लोगों को जागरूक कर सकें? जवाब है कि ऐसा लगता तो नहीं. क्योंकि जब इंडिया टुडे ने पूनम के सैकड़ों सोशल मीडिया पोस्ट को खंगाला तो मालूम हुआ कि 2013 में फिल्म नशा से बॉलीवुड में डेब्यू करने के 11 साल बाद तक पूनम ने कभी भी सर्विकल कैंसर के बारे में कोई बात नहीं की. यहां तक कि कभी स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों तक पर बात नहीं की. इंडिया टुडे को उनके इंस्टाग्राम, ट्विटर (X) अकाउंट या यूट्यूब चैनल पर ‘स्वास्थ्य’, ‘कैंसर’, या ‘सर्विकल कैंसर’ जैसे कीवर्ड वाली एक भी पोस्ट नहीं मिली है.

वेबसाइट के डोमेन की जानकारी. फोटो- इडिया टुडे ( बाएं)| पूनम की वेबसाइट. फोटो- द लल्लनटॉप (दाएं)
वेबसाइट का URL कुछ और बता रहा

जब वेबसाइट किसी खास उद्देश्य के लिए बनाई जाती है तब उसके URL में उस विषय से जुड़े कीवर्ड ज़रूर होते हैं. ताकि सर्च इंजन आमुक वेबसाइट को बेहतर रैंकिंग दे सके. लेकिन पूनम की वेबसाइट के URL में सर्विकल कैंसर जैसा कोई कीवर्ड नहीं मिला. उल्टा पूनम की इस वेबसाइट के URL में Poonam is alive कीवर्ड है.

इसके अलावा वेबसाइट पर जल्दबाजी में की गई मॉडिफिकेशन भी साफ समझ में आ रही है. ‘सर्वाइवर स्टोरीज़’ सेक्शन में दिल्ली की संगीता गुप्ता की टेस्टिमोनी (बीमारी पर स्टेटमेंट) है. जिसका कॉन्टेंट अमेरिकन कैंसर सोसायटी के डॉक्यूमेंट से सीधे कॉपी-पेस्ट किया गया है.

सर्विकल कैंसर की पहली स्वदेशी वैक्सीन

आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक सर्विकल कैंसर दुनिया में चौथा सबसे आम तरह का कैंसर है. इससे हो रही महिलाओं की मौत में भारत दुनिया में दूसरे नंबर पर है. एक अनुमान के मुताबिक, भारत में हर साल सर्विकल कैंसर के 80 हजार से ज्यादा मामले सामने आते हैं. जबकि 35 हजार महिलाओं की इससे मौत हो जाती है. लेकिन अब सर्विकल कैंसर के खिलाफ पहली स्वदेशी वैक्सीन बनी है. इस वैक्सीन को पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ने बनाया है. इसका नाम ‘CERVAVAC’ रखा गया है. ये देश में बनी सर्विकल कैंसर की पहली वैक्सीन है. दावा है कि सीरम इंस्टीट्यूट की CERVAVAC ट्रायल में सभी वर्ग की उम्र के महिलाओं पर असरदार साबित हुई है.

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