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देश में इस साल रहेगा सामान्य से ज्यादा मानसून, राहत बनेगा या आफत?

भारत मौसम विभाग (आईएमडी) ने इस साल देश में सामान्य से ज्यादा मानसून की संभावना जताई है. यानी कि इस बार बारिश अच्छी खासी होगी. आईएमडी के महानिदेशक (डीजी) मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि पूरे देश में दक्षिण-पश्चिम मानसून के तहत एक जून से 30 सितंबर के बीच मानसून ऋतुनिष्ठ वर्षा दीर्घावधि औसत (लॉंग पीरियड एवरेज …एलपीए) का 106 फीसदी होने की संभावना है.

उन्होंने बताया कि उत्तर पश्चिम, पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से ज्यादा वर्षा होने की प्रबल संभावना है. लेकिन आईएमडी प्रमुख ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल और उत्तराखंड में सामान्य से कम बारिश होने की संभावना दिख रही है.

उनके मुताबिक इसी तरह से पूर्वोत्तरी राज्यों असम, मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा, नगालैंड और अरूणाचल प्रदेश के आसपास के इलाकों में भी सामान्य से कम बारिश होने की संभावना है. उन्होंने बताया कि पूर्वी राज्यों- ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ हिस्सों व पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों में भी सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है.

खैर ये तो बात हो गई मानसून से जुड़ी जानकारी की. लेकिन अब सवाल उठता है कि सामान्य से ज्यादा मानसून राहत बनेगा या आफत, क्योंकि बारिश ज्यादा हो तब भी कई सारी परेशानियां आती हैं और कम हो तब भी.

अच्छा मानसून क्या फायदा लाता है

कृषि का देश की जीडीपी में 14 फीसदी योगदान है. इस सेक्टर का जीडीपी में योगदान बढ़ेगा. अच्छी बारिश से महंगाई 0.5 फीसदी तक घटेगी. यानी यह आरबीआई के 5.3 फीसदी के अनुमान से कम 4.8 फीसदी या आसपास रहेगी. महंगाई नियंत्रित रहेगी तो आरबीआई के पास ब्याज दरें घटाने का मौका होगा. घरेलू खपत बढ़ेगी. इसका चीनी से जुड़ी कंपनियों को होगा. मानसून वैश्विक जलवायु को प्रभावित करता है. जैसे-जैसे जलवायु बदलती है, मानसून भी बदलता है.

सामान्य से ज्यादा मानसून से नदियों, जलाशयों का जलस्तर बढ़ता है. उत्पादन अच्छा रहता है. इससे बिजली संकट कम होता है. अच्छे मानसून से काफी हद तक पानी की समस्या का भी समाधान होता है. मानसून की बारिश जहां खेती, जलाशयों और नदियों को पानी से लबालब कर देती हैं वहां भीषण गर्मी से तप रहे देश को भी गर्मी से राहत मिलती है.

नुकसान क्या हैं?

सामान्य से ज्यादा मानसून के फायदे हैं तो इसके नुकसान भी हैं. ज्यादा मानसून से बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया जैसी बीमारियां इसमें बढ़ जाती हैं. दरअसल मौसम में होने वाले बदलाव की वजह से आर्द्रता में बढ़ोतरी होती है. यही वजह है कि मच्छरों को पनपने का मौका मिल जात है. ज्यादा बारिश होने से कई इलाकों में जलभराव या जलजमाव की स्थिती पैदा हो जाती है. कई राज्यों में बाढ़ तक आ जाती है. अच्छा मानसून कृषि के लिए अच्छा तो है ही साथ में इसका नुकसान भी है. फसलें बर्बाद हो जाती हैं.

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