ट्रांसजेंडर टीचर को स्कूल से निकाला गया था बाहर, SC ने केंद्र-UP-गुजरात सरकार को भेजा नोटिस

सुप्रीम कोर्ट उस ट्रांसजेंडर शिक्षिका की याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया, जिसकी सेवा उसकी लिंग उजागर होने के बाद यूपी और गुजरात के स्कूलों में समाप्त कर दी गई थी. लिंग पहचान उजागर होने के बाद सेवा से हटाए जाने के खिलाफ उसने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. मंगलवार को शीर्ष अदालत ट्रांसजेंडर शिक्षिका की याचिका पर सुनवाई करने को सहमत हो गया.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकारें और केंद्र सरकार को चार हफ्तों में जवाब पेश करने के लिए कहा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के जामनगर स्थित स्कूल के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के खीरी स्थित एक अन्य निजी स्कूल के अध्यक्ष से भी जवाब मांगा है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जे बी परदीवला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ट्रांसजेंडर महिला की याचिका पर केंद्र, गुजरात और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी किया है.

हम देखेंगे कि इस मामले में हम क्या कर सकते हैं- CJI

शीर्ष अदालत ने कहा कि हम देखेंगे कि इस मामले में हम क्या कर सकते हैं. सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि याचिकाकर्ता की शिकायत यह है कि उसकी लिंग पहचान उजागर होने के बाद यूपी और गुजरात के स्कूलों में उसकी सेवाएं समाप्त कर दी गईं. याचिकाकर्ता का कहना है कि वह दो अलग-अलग हाईकोर्ट में अपनी मांग नहीं रख सकती.

याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उत्तर प्रदेश के एक स्कूल की ओर से उनकी मुवक्किल को नियुक्ति पत्र दिया गया था और हटाए जाने से पहले उन्होंने छह दिन तक सेवा भी दी थी. वकील ने कहा कि गुजरात के स्कूल की ओर से भी नियुक्ति पत्र दिया गया, लेकिन मुवक्किल की लैंगिक पहचान उजागर होने के बाद उन्हें कार्य शुरू ही नहीं करने दिया गया. याचिकाकर्ता ने अपने मौलिक अधिकारों की बहाली की मांग की है.

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