UGC ने किया नियमों में बदलाव, अब चार साल की बैचलर डिग्री वाले छात्र ले सकेंगे PhD में डायरेक्ट एडमिशन
UGC New Rule For PhD: चार साल की बैचलर डिग्री लेने वाले कैंडिडेट्स के लिए अच्छी खबर है. अब उन्हें पीएचडी के लिए आवेदन करना हो या नेट परीक्षा के लिए फॉर्म भरना हो दोनों ही के लिए, मास्टर्स करने की जरूरत नहीं होगी.
वे इसके बिना ही पीएचडी के लिए फॉर्म भर सकते हैं. यूजीसी ने नया नियम निकाला है. इसके तहत चार साल की बैचलर डिग्री रखने वाले कैंडिडेट्स अब सीधा पीएचडी या नेट के लिए अप्लाई कर सकते हैं हालांकि मिनिमम मार्क्स की शर्त है जो पूरी करनी होगी.
इतने अंक होने हैं जरूरी
इस बारे में बात करते हुए यूजीसी चेयरमैन जगदीश कुमार ने कहा कि चार साल की बैचलर डिग्री वाले स्टूडेंट्स अब सीधा नेट या पीएचडी के लिए फॉर्म भर सकते हैं. केवल शर्त ये है कि उनके बैचलर्स में कम से कम 75 प्रतिशत अंक होने चाहिए.
इसके पहले पीएचडी या नेट परीक्षा में बैठने के लिए जरूरी होता था कि कैंडिडेट्स के पास कम से कम 55 परसेंट मार्क्स के साथ मास्टर्स डिग्री हो. इस बार यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन 16 जून के दिन किया जाएगा.
क्या कहना है यूजीसी अध्यक्ष का
इस बारे में बात करते हुए यूजीसी अध्यक्ष ने कहा कि कैंडिडेट्स जिनके पास चार साल की अंडरग्रेजुएट डिग्री है वे, डायरेक्टली पीएचडी के लिए आवेदन कर सकते हैं और नेट परीक्षा में भी बैठ सकते हैं. ऐसे कैंडिडेट्स जिस विषय में पीएचडी करना चाहते हैं, उसके लिए आवेदन कर सकते हैं और इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उन्होंने किस डिस्पिलन से बैचलर्स की डिग्री ली है.
बस इतना जरूरी है कि चार साल के बैचलर प्रोग्राम या 8 सेमेस्टर की परीक्षा में कैंडिडेट के कम से कम 75 परसेंट मार्क्स होने चाहिए. या इसके समकक्ष ग्रेड या प्वॉइंट स्केल (जो भी एप्लीकेबल हो) होना चाहिए.
इनको मिलेगी छूट
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए आरक्षित श्रेणी के कैंडिडेट्स को पांच परसेंट की छूट भी मिलेगी. ये छूट एससी, एसटी, ओबीसी, डिफरेंटली ऐबल्ड, इकोनॉमिकली वीकर सेक्शन जैसी कैटेगरी के कैंडिडेट्स को मिलेगी. यूजीसी नेट परीक्षा के लिए आवेदन शुरू हो गए हैं, इसलिए इच्छुक कैंडिडेट्स चाहें तो अप्लाई कर सकते हैं.