UP Budget 2024: यूपी में 17 हजार करोड़ की लागत से बदलेगी इन शहरों की सूरत, जानिए योगी सरकार का प्लान

उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखते हुए योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में नगरीय विकास की योजनाओं के लिए करीब 17 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की है।

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने सोमवार को विधानसभा में अपने बजट भाषण में कहा कि मुख्यमंत्री शहरी विस्तारीकरण एवं नये शहर प्रोत्साहन के तहत टाउनशिप विकसित करने के लिये वर्ष 2024-2025 के बजट में 3000 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।

यूपी बजट 2024 में दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम परियोजना में यूपी के अंश के रूप में 914 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

वहीं कानपुर मेट्रो रेल परियोजना में उत्तर प्रदेश के अंश के रूप में 395 करोड़ रुपये और आगरा मेट्रो रेल परियोजना में 346 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है। इसके अलावा अयोध्या के सर्वांगीण विकास के लिये 100 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था प्रस्तावित है।

लखनऊ विकास क्षेत्र, प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र और नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास तथा वाराणसी एवं अन्य शहरों में रोप-वे सेवा विकसित किये जाने के लिये 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था का प्रस्ताव है।

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत साल 2007 से 2017 तक प्रदेश में मात्र 2.51 मकान निर्मित किए गये जबकि साल 2017 से अद्यतन प्रदेश में लगभग 17.65 लाख से अधिक लाभार्थियों को कुल 35 हजार 236 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गयी है।

योजना के लिये लगभग 3948 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है वहीं वर्ष 2021 में प्रारंभ की गयी अमृत 2.0 योजना के लिये 4500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में मुख्यमंत्री-ग्रीन रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट स्कीम (अर्बन) के अन्तर्गत 800 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 60 प्रतिशत ज्यादा है।

प्रदेश के शहरों में बाढ़ की समस्या एवं जलभराव से मुक्ति के लिये अर्बन फ्लड एवं स्टार्म वाटर ड्रेनेज योजना प्रारम्भ करने के लिए 1000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। मुख्यमंत्री नगरीय अल्प विकसित मलिन बस्ती विकास योजना के लिये 675 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित जो वर्तमान वर्ष की तुलना में लगभग दोगुना है.

जबकि नगरीय सेवाएं और अवस्थापना विकास की नई योजना के लिये 500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव है। राज्य स्मार्ट सिटी योजना के लिये 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है जो वर्तमान वर्ष के सापेक्ष 63 प्रतिशत अधिक है।

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