UP News : यूपी में इन बिजली उपभोक्ताओं की फंसी मीटर रीडिंग, योगी सरकार ने बदल दिया ये नियम

लेसा में पांच किलोवाट लोड के करीब 20 हजार उपभोक्ताओं की मीटर रीडिंग फंस गई है। क्योंकि मध्यांचल विद्युत निगम ने पिछले माह पांच किलोवाट से ऊपर के उपभोक्ताओं के लिए मीटर रीडिंग का नियम बदल गया है।

नियम बदलने के साथ ही मीटर रीडिंग की कंपनी भी बदल गई है। विभागीय इंजीनियरों के मुताबिक कंपनी के पास पर्याप्त कर्मचारी नहीं है। इससे उपभोक्ताओं की समय पर मीटर की एमआरआई रीडिंग नहीं हो पायी है।

पीड़ित उपभोक्ता उपकेंद्रों के चक्कर लगा रहे हैं। इसके बाद फील्ड कर्मचारियों को भेजकर मीटर रीडिंग करवाकर बिल बनाया जा रहा है।

मध्यांचल निगम ने मीटर में छेड़छाड़ करके राजस्व की हानि की संभावनाओं को रोकने के लिये नया नियम बनाया है। अब पांच किलोवाट से ऊपर के सभी उपभोक्ताओं पर मीटर रीडिंग इंस्ट्रूमेंट (एमआरआई) के जरिए नजर रखी जाएगी।

अभी तक यह व्यवस्था सिर्फ 10 किलोवाट और उससे ऊपर वाले उपभोक्ताओं के लिए थी। मीटर रीडिंग की मैनुअल और एमआरआई व्यवस्था के लिए अलग-अलग कंपनी हैं।

एमआरआई में उपभोक्ताओं के बढ़ने की वजह से कर्मचारियों की कमी हो रही है। वहीं इंदिरानगर सेक्टर-25, विकासनगर सहित अनय उपकेंद्रों में उपभोक्ताओं की शिकायत पर संबंधित जेई, एसडीओ, एक्सईएन फील्ड कर्मचारियों को भेजकर मीटर रीडिंग करवा रहे हैं।

केस- एक  

लखनऊ में इस्माइलगंज निवासी एसके श्रीवास्तव का पांच किलोवाट का कनेक्शन है। जनवरी में मीटर रीडिंग के लिये कर्मचारी नहीं आया तो उन्होंने उपकेंद्र पर फोन किया, तब पता चला कि एमआरआई रीडिंग होगी। एसडीओ ने कर्मचारी भेजकर मीटर रीडिंग कराकर बिल भुगतान किया।

केस 2: 

लखनऊ  में इंदिरानगर ए-ब्लॉक निवासी विनय कुमार के यहां पांच किलोवाट लोड कनेक्शन है। चार फरवरी को कोई कर्मचारी मीटर रीडिंग लेकर गया लेकिन मंगलवार शाम तक बिजली जनरेट नहीं हुआ। बिजली बिल गडबड़ाने के डर से उन्होंने अफसरों से गुहार लगाई तो किसी तरह मीटर रीडिंग हो पाई।

 क्या होता है एमआरआई 

इसमें वाईफाई से लैस मशीन के जरिये मीटर की स्कैनिंग होती है। इस मीटर में कब क्या क्या किया गया है, उसकी पूरी रिपोर्ट आ जाती है।

कभी भी किसी प्रकार की छेड़छाड़ की कोशिश की गई होगी तो उसकी डिटेल एमआरआई में सामने आ जाएगी। इसकी सीधी रिपोर्ट ऑनलाइन फीड हो जाती है।

मध्यांचल विद्युत निगम निदेशक (वाणिज्य) योगेश कुमार ने बताया कि पांच किलोवाट लोड के उपभोक्ताओं की एमआरआई रीडिंग कराई जा रही है।

लेकिन शुरूआती चरण होने के कारण कंपनी को थोड़ी दिक्कत हो रही है। अगर किसी उपभोक्ताओं की रीडिंग नहीं हुई है तो उसे फील्ड कर्मचारियों से रीडिंग मंगवाकर बिल बनाया जा रहा है।

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