नकली प्रॉडक्ट बेचकर कंपनी को ठगा जा रहा था, कंपनी खुद CID बन गई और करोड़ों का माल पकड़ लिया
एचपी की एंटी-काउंटरफिटिंग टीम ने अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2023 के दरमियान तकरीबन साढ़े चार लाख फर्जी प्रॉडक्ट मार्केट में पकड़े हैं. इसके लिए कंपनी ने जो तरीका चुना, वो कमाल का है. CID जैसी खुद की टीम ही बना ली.
एचपी का नाम लेते ही ज़हन में क्या ख्याल आता है. लैपटॉप, मॉनिटर, प्रिंटर, हेडफोन्स मतलब लिस्ट बहुत लंबी है. लेकिन क्या एचपी के नाम से क्राइम, फर्जीवाड़ा, नकली माल का ख्याल आता है? जवाब होगा कतई नहीं. अब एक और ख्याल! क्या एचपी के नाम पर क्राइम यूनिट का ख्याल आता है? एकदम सीआईडी टाइप? जवाब होगा हां. क्योंकि कंपनी की एक ऐसी टीम है. काम बाजार में कंपनी के नाम पर बिक रही नकली स्याही का पता करना. और इस टीम ने पिछले साल भर में 30 करोड़ की नकली स्याही पर कालिख पोती है. दरअसल,
एचपी की एंटी-काउंटरफिटिंग टीम ने अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2023 के दरमियान तकरीबन साढ़े चार लाख फर्जी प्रॉडक्ट मार्केट में पकड़े हैं. इसमें से अधिकतर प्रॉडक्ट प्रिंटर में इस्तेमाल होने वाला टोनर और स्याही है, जिसे आम भाषा में कार्ट्रिज कहते हैं. इस स्याही के नाम पर क्या लिखा जा रहा, कहीं आपके प्रिंटर में भी तो नकली स्याही नहीं लगी हुई, आपका जानना जरूरी है.
स्याही का काला खेल
प्रिंटर मतलब इंक और कार्ट्रिज. हर प्रिंटर में खत्म होती ही है, भले टाइम लाइन अलग-अलग क्यों ना हो. इसके बाद नई लेनी होती है. इसी नई इंक के बीच में भांजी मारते हैं ठग और लुटेरे. एकदम असली जैसी स्याही बनाते हैं, लेकिन असली वाली से सस्ती बेचते हैं. सस्ते का लालच कांड करवाता है. हमारे साथ भी और एचपी के साथ भी. हमें नकली प्रॉडक्ट का फटका और HP की जेब पर डकैती. जब कंपनी इससे बहुत परेशान हो गई, तो उसने बनाई एंटी-काउंटरफिटिंग टीम.