Vitamin D and bones : क्या विटामिन डी की दवा लेने से वाकई हड्डियां होती हैं मजबूत, रिसर्च में क्या आया?

Vitamin D for bones : विटामिन डी शरीर के लिए काफी जरूरी है. ये शरीर की अच्छी ग्रोथ, ब्रेन हेल्थ, इम्यूनिटी और मेंटल स्ट्रेस को कंट्रोल करने में काफी फायदेमंद है. हालांकि आजकल लोगों में इस विटामिन की काफी कमी देखी जाती है. खानपान की गलत आदतों की वजह से ऐसा होता है. विटामिन डी को हड्डियों की सेहत के लिए भी काफी जरूरी माना जाता है. कई लोग अच्छी बोन हेल्थ के लिए इस विटामिन की दवाएं भी लेते हैं. बीते कुछ सालों में इस विटामिन की दवाओं को खाने का चलन भी काफी बढ़ गया है.
कुछ लोग तो डॉक्टरों की सलाह के बिना ही विटामिन डी की खुराक लेते रहते हैं. आम धारणा और पहले आई कई मेडिकल रिसर्च में इस विटामिन को हड्डियों के लिए भी बेहतर माना जाता है, लेकिन हाल ही में एक नई रिसर्च आई है. जिसमें कहा गया है कि विटामिन डी की दवा हड्डियों की ग्रोथ में कोई खास फायदा नहीं करती है.
बच्चों पर हुई रिसर्च
लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी जर्नल में एक रिसर्च प्रकाशित की गई है. इस रिसर्च में उन बच्चों के बारे में जानकारी दी गई है, जिनको तीन साल तक विटामिन डी की दवाएं दी गई थी. विटामिन डी लेने से बच्चों के शरीर में इस विटामिन का लेवल तो काफी बढ़ गया, लेकिन इससे बच्चों में फ्रैक्चर का जोखिम या हड्डी की ताकत में कोई खास अंतर नहीं आया
रिसर्च में इन बच्चों की बोन हेल्थ में विटामिन डी लेने का कोई प्रभाव नहीं देखा गया है. रिसर्च में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति जरूरत से ज्यादा विटामिन डी ले रहा है तो इससे भले ही हड्डियों को कोई फायदा नहीं होगा, लेकिन काफी नुकसान हो सकता है.
ज्यादा न लें विटामिन डी
रिसर्च में कहा गया है कि विटामिन डी की खुराक का अधिक सेवन खतरनाक हो सकता है।. विटामिन डी की ज्यादा खुराक से हाइपरकैल्सीमिया हो सकता है, एक ऐसी स्थिति जिसमें ब्लड में कैल्शियम का लेवल बढ़ जाता है. हाइपरकैल्सीमिया के लक्षणों में मतली, उल्टी, कमजोरी और गंभीर मामलों में किडनी की खराबी भी हो सकती है.
जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए) में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि विटामिन डी की अत्यधिक उच्च खुराक से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है . इससे पता चलता है कि अधिक विटामिन डी लेना हमेशा बेहतर नहीं होता है.
विटामिन डी क्यों है जरूरी
दिल्ली में लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज एंड एसएस हॉस्पिटल में मेडिसिन विभाग में एचओडी डॉ. एलएच घोटेकर ने इस बारे में बताया है. डॉ घोटेकर कहते हैं कि विटामिन डी से में विटामिन डे के सप्लीमेंट पर ज्यादा फोकस न करके प्राकृतिक स्रोतों पर ध्यान केंद्रित करना अधिक फायदेमंद हो सकता है. जैसे कि सूरज की रोशनी विटामिन डी के स्तर को बढ़ाने का सबसे प्रभावी तरीका है. विटामिन डी के आहार स्रोत, जैसे मछली, फोर्टिफाइड डेयरी उत्पाद और अंडे की जर्दी भी इसके लिए काफी फायदेमंद है.

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