Weather Update: कड़ाके की ठंड से दिल्ली और यूपी वालों को इस दिन मिलने वाली है राहत, मौसम विभाग ने दी जानकारी

कश्मीर में 20 दिसंबर से जनवरी के आखिर तक 40 दिनों की अवधि को ‘चिल्लई कलां’ कहा जाता है। इसका अर्थ बड़ी ठंड होता है। इस दौरान आमतौर पर जमकर बर्फबारी और बारिश होती है.

लेकिन इस साल यह पूरी अवधि ड्राई स्पेल में ही गुजर गई। पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हुई और मैदानों में बारिश नहीं हुई। दिल्ली, यूपी, हरियाणा, पंजाब और बिहार जैसे मैदानी राज्यों में आमतौर पर 20 से 30 जनवरी के बीच हर साल बारिश होती रही है।

लेकिन मैदानी इलाकों में भी कोई बारिश नहीं हुई और अब तक सीजन में सूखी ठंड ही रही है। हालांकि अब मौसम विभाग ने अनुमान जताया है कि बुधवार यानी 31 जनवरी से 4 फरवरी तक अच्छी खासी बारिश हो सकती है।

इसके कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी भी हो सकती है। इससे 40 दिनों से चला आ रहा इंतजार खत्म हो जाएगा। मौसम विभाग का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के असर से मौसम में बदलाव होगा.

और अब 31 जनवरी से 4 फरवरी तक बारिश होगी। जनवरी में उत्तराखंड, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, चंडीगढ़ और यूपी में बारिश में 99 से 100 फीसदी तक की कमी रही है। हालांकि अब अगला एक सप्ताह बेहतर होगा।

मौसम विभाग का कहना है कि हिमाचल, जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अगले 7 दिनों तक रुक-रुक कर बारिश होगी।

कश्मीर में तो आज से ही बर्फबारी शुरू हो सकती है और 31 जनवरी तक जारी रहेगी। वहीं हिमाचल प्रदेश में 31 जनवरी और 1 फरवरी को बारिश होगी। उत्तराखंड में भी 31 तारीख को बारिश और बर्फबारी का अनुमान है।

इसके अलावा हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब, दिल्ली और यूपी में भी अगले दो दिनों तक रुक-रुक कर बारिश होगी। दिल्ली में भी बुधवार और गुरुवार को बारिश का अनुमान है। इसके अलावा पंजाब और हरियाणा में तो बारिश के अलावा तेज हवाएं भी चल सकती हैं। 2 और 3 फरवरी को पर्वतीय इलाकों में अच्छी खासी बर्फबारी भी हो सकती है।

बारिश होगी पर सर्दी से राहत, 2 से 4 डिग्री सेल्सियस बढ़ सकता है तापमान

हालांकि बारिश के चलते सर्दी में ज्यादा इजाफा नहीं होगा। मौसम विभाग का अनुमान है कि न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस का इजाफा हो सकता है। इसके चलते सर्दी से थोड़ी राहत मिलेगी। हालांकि मंगलवार को दिल्ली में घना कोहरा छाया रहा। इसके चलते हवाई और रेल यातायात पर भी असर दिखाई दिया।

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