West Bengal: जमीन विवाद में अमर्त्य सेन को राहत, अदालत ने विश्व भारती के बेदखली के आदेश को किया खारिज

पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले की एक अदालत ने जमीन विवाद मामले में अमर्त्य सेन को राहत दी है। अदालत ने विश्व भारती विश्वविद्यालय प्रबंधन के नोटिस को खारिज कर दिया है।

बीरभूम जिले की एक अदालत ने बुधवार को विश्व भारती विश्वविद्यालय जमीन विवाद मामले में फैसला सुनाया। अदालत ने नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन को शांति निकेतन में एक भूखंड से बेदखल करने के आदेश को रद्द किया। सेन ने विश्वविद्यालय प्रबंधन की ओर से जारी बेदखली के आदेश के खिलाफ अपील की थी।

विश्वविद्यालय का बेदखली आदेश खारिज

जिला न्यायाधी सुदेशना डे की अदालत ने कहा, अमर्त्य सेन ने विश्वविद्यालय के संपदा अधिकारी की ओर से जारी बेदखली के आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी। उनके पिता दिवंगत आशुतोष सेन को 1943 में जमीन का पट्टा मिला था। जिसके बाद से उनका 1.38 एकड़ जमीन पर लगातार कब्जा था। विश्वविद्यालय प्रबंधन ने आरोप लगाया था कि सेन शांति निकेतन की कुल 1.38 एकड़ जमीन में 13 डिसमिल अतिरिक्त जमीन कब्जा किए हुए हैं। अदालत ने विश्वविद्यालय के बेदखली के आदेश को रद्द कर दिया।

कानून के मुताबिक नहीं विश्वविद्यालय का नोटिस

अदालत ने कहा, ‘विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने दावा किया कि उन्हें अक्तूबर 2006 में तब पता चला कि 1.25 एकड़ जमीन के लिए ही पट्टा दिया गया था, जब सेन ने एक 1.38 एकड़ जमीन के संबंध में आवेदन दायर किया। लेकिन, कार्रवाई 2023 में वैधानिक नोटिस जारी कर हुई।’ अदालत ने आगे कहा, ‘विश्वविद्यालय का 17 मार्च 2023 का नोटिस कानून के मुताबिक नहीं है। उन्हें कारण बताने और 13 डिसमिल जमीन से बेदखल करने का आदेश जारी करना गलत है।’

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