क्या बीन की धुन पर वाकई नाचता है नाग? सांपों का बहरा होना भी है भ्रम
बचपन में आपमें से काफी लोगों ने अपने घर के आसपास सपेरों का तमाशा जरूर देखा होगा. अमूमन सपेरों के तमाशे का मुख्य आकर्षण नाग नागिन का बीन की धुन पर डांस होता था. वहीं, कई बॉलीवुड फिल्मों में भी बीन बजते ही नागिन बनी हीरोइन नाचने लगती थीं. शादी बारातों में भी नागिन डांस की खूब धूम रहती थी. कुल मिलाकर हमें बचपन से यही बताया गया कि बीन बजते ही सांप बिल से बाहर निकलकर नाचने लगता है. लेकिन, क्या वाकई नाग नागिन सपेरे की बजाई बीन की धुन पर नाचते हैं? इससे भी बड़ा सवाल है कि क्या बिना कान वाले सांप सुन भी सकते हैं?
कुछ लोगों का कहना है कि नाग या नागिन के सपेरे की बीन की धुन पर नाचने की बात कोरा भ्रम है. ऐसे लोगों का मानना है कि सांप बहरे होने के कारण कुछ सुन ही नहीं सकते है. हालांकि, ये धारणा भी काफी हद तक गलत है. दरअसल, सांप बहरे नहीं होते हैं. लेकिन, उनके सुनने की क्षमता सीमित ही होती है. उनके ना तो बाहरी कान होते हैं और न ही मध्य कान. सांपों के एक छोटी सी हड्डी होती है, जो जबड़े की हड्डी को भीतरी कान की नली से जोड़ती है. सांपों को जानवर या इंसान के नजदीक आने की आहट मिलने पर त्वचा की मदद से महसूस कर लेते हैं. यही ध्वनि जबड़े की हड्डी से होती हुई भीतरी नली तक पहुंचती है.
सांप कितनी ऊंची आवाज सुन सकते हैं
सांप अपने आसपास होने वाली आहट तक को सुनकर सुरक्षित जगह की ओर चले जाते हैं या आक्रामक हो जाते हैं. बता दें कि जहां इंसान 20 से 20,000 हर्ट्ज तक की ध्वनि सुन सकते हैं. वहीं, सांप 200 से लेकर 300 हर्ट्ज तक की ध्वनि ही सुन पाते हैं. इससे ज्यादा आवाज सांपों को समझ ही नहीं आती है. सांप की त्वचा काफी संवेदनशील होती है. ऐसे में हल्की सी आहट से पैदा होने वाली तरंगों से सांप आसपास की गतिविधियों को पहचान लेते हैं. सांपों की कई प्रजातियां तेज आवाज सुनकर डर जाती हैं और सुरक्षित ठिकाने की तरफ भागने लगती हैं.
कौन-सा सांप ध्वनि के करीब आता है
ऑस्ट्रेलिया की यूनिवर्सिटी ऑफ क्वींसलैंड के शोधकर्ताओं की टीम ने सांपों की 19 प्रजातियों पर शोध किया था. इनमें रेत, पेड़ और पानी पर चलने वाले सांप भी शामिल किए गए थे. टीम की प्रमुख और टॉक्सिनोलॉजिस्ट क्रिस्टीना जेडेनेक ने शोध के बताया था कि सांप बहरे नहीं होते हैं. बस इसके सुनने की क्षमता बाकी शारीरिक इंद्रियों की ही तरह कमजोर होती है. शोध के दौरान शून्य से 450 हर्ट्ज की ध्वनि के साथ सांपों पर प्रयोग किए गए. इनमें भी दो तरह की आवाजें शामिल की गई थीं. पहली जमीन में कंपन पैदा करने वाली ध्वनियां और दूसरी सिर्फ हवा में फैलने वाली आवाजें. शोध में पाया गया कि सांप बाहरी आवाजों से डरकर दूर भागने लगते हैं. हालांकि, वोमा अजगर आवाज के करीब आता है.
क्या वाकई बीन की धुन पर नाचते हैं सांप
अब सवाल उठता है कि क्या सांप बीन की धुन सुन पाते हैं? क्या बीन बजने पर ही सांप नाचने लगे हैं? विशेषज्ञों के मुताबिक, सांप बीन की धुन पर कभी नहीं नाचते हैं क्योंकि इसकी आवाज उनकी सुनने की क्षमता से ज्यादा होती है. दरअसल, सपेरे धुन निकालते समय बीन को खास अंदाज में घुमाते हैं तो नाग या नागिन उस मूवमेंट को देखकर उसे दोहराता है. इससे लोगों को ऐसा लगता है कि सांप बीन की धुन पर नाच रहा है. इसके अलावा सपेरे बीन बजाते हुए अपने पूरे शरीर को हिलाते हैं. सांप सपेरे और बीन को अपने लिए खतरा मानकर कुंडली मारकर बैठ जाता है और अपने शरीर को हिलाता है.
सांप के नाचने में वैज्ञानिक कारण भी शामिल
विशेषज्ञों के मुताबिक, सांप तेज रोशनी या चमकदार चीजों से डरते हैं. आपने ध्यान दिया होगा कि सपेरे बीन पर कांच के टुकड़े चिपकाते हैं. जब रोशनी पड़ने पर कांच के टुकड़े चमकने लगते हैं तो सांप इसे देखकर डर जाता है. फिर जब सपेरा धुन निकालते समय जब बीन को हिलाता है तो सांप इसे खतरा मानकर उसके साथ घूमने लगता है. बीन और सांप के हिलने में एक रिदम बनने पर लोगों को लगता है कि वो धुन पर नाच रहा है, जबकि असल में वो डरकर अपने बचाव की तैयारी कर रहा होता है.