आपकी बाजू पर मौजूद चकत्ते जैसा बचपन का निशान क्या होता है? आखिर कैसे बनता है

आपकी बाजू पर मौजूद चकत्ते जैसा बचपन का निशान क्या होता है? आखिर कैसे बनता है

अगर आप भारत में पैदा हुए हैं तो हो सकता है की आप के हाथ पर निशान हो. खैर, अगर आपके हाथ पर नहीं होगा तो पापा या दादा की बाजू पर तो जरूर ही होगा. दरअसल, बड़ा सा निशान भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर में रहने वाले कम से कम आधी आबादी की बाजुओं पर तो होगा ही. कुछ लोगों के जन्म से ही बर्थ मार्क जैसे निशान होते हैं, लेकिन ये वैक्सीनेशन का निशान बड़ा और काफी पेनफुल जैसा फील होता है.

अक्सर बच्चे ऐसा निशान देखते ही अपने पेरेंट्स से सवाल जरूर पूछते हैं. चलिए हम आपको यहां बताएंगे कि यह निशान किस चीज का है. इसके साथ ही, हम एक्सपर्ट्स से ये भी जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर ये निशान कैसे और क्यों बनता है.

आखिर किस चीज है निशान

दिल्ली के सफदरजंग हॉस्पिटल में पूर्व रेजिडेंट डॉक्टर दीपक कुमार सुमन का कहना है कि बाजू पर मौजूद जो निशान होता है वह चेचक यानी चिकनपॉक्स के टीके का होता है. यह निशान पड़ने का मतलब है कि टीका लगा है और यह टीका जब लगता है तो उस दौरान कुछ बच्चों की बाजू पर एक बड़ा दानेदार लाल घाव बन जाता है जो निशान छोड़ देता है.

स्किन इंजरी

WebMD की रिपोर्ट के मुताबिक, साल 1980 में चिकनपॉक्स खत्म होने से पहले कई लोगों को इसकी वैक्सीन दी गई थी. 40 की उम्र के आते-आते इस वैक्सीन का निशान हमेशा के लिए बॉडी पर रह जाता है. हालांकि, इस निशान का कोई नुकसान नहीं होता लेकिन वैक्सीनेशन के दौरान स्किन इंजरी जरूर हो जाती है. लेकिन वैक्सीनेसश टेक्नीक को पूरी तरह से इस निशान के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है.

आखिर क्यों पड़ जाता है निशान

चेचक के टीके में एक जीवित वायरस होता है. यह एक कंट्रोल इंफेक्शन पैदा करता है, जो इम्यून सिस्टम को वायरस से आपके शरीर की रक्षा करने के लिए संकेत भेजता है. वायरस के संपर्क में आने से घाव और खुजली वाली गांठ हो जाती है. इसके बाद यही गांठ बड़ा छाला बन जाता है और निशान छोड़ जाता है.

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