कभी एंप्लाई को वेतन देने के नहीं थे पैसे, आज 15000 करोड़ की कंपनी चला रहे स्पिनी के नीरज सिंह!

दो बार आईआईटी की परीक्षा पास करने वाले नीरज सिंह पढ़ाई लिखाई में अच्छे थे और उनका रिपोर्ट कार्ड शानदार था. झारखंड के डाल्टनगंज शहर से आने वाले नीरज सिंह अपने स्कूल में टॉप करने के बाद दो बार आईआईटी की परीक्षा पास करने के बाद आईआईटी दिल्ली में एडमिशन ले चुके थे. उन्होंने अपने जीवन में कभी विफलता नहीं देखी थी, लेकिन इसके बाद साल 2011 में उनके सामने एक अजीब सी स्थिति आई. साल 2014 तक नीरज सिंह के दो स्टार्टअप बंद हो चुके थे. एक किशोर जिसने अपने जीवन में कभी सफलता नहीं देखी थी, उसे लगातार दो झटके लगे. इस अवधि में हालांकि उनके पिता ने उन्हें सपोर्ट किया, लेकिन कुछ दिनों बाद वह भी चल बसे.

नीरज सिंह को जिंदगी चलाने के लिए कुछ काम करना था, इसलिए वह फिर नए उद्यम की तलाश में जुट गए. नीरज सिंह ने कामकाज की तलाश के बीच में सोचा कि लोगों के जीवन में कार एक बहुत बड़ा सपना होता है. सीमित आमदनी की वजह से लोग सेकंड हैंड कार खरीदने की सोचते हैं. इस मार्केट में क्वालिटी, अकाउंटेबिलिटी और ट्रस्ट की भारी दिक्कत है. नीरज सिंह इस समस्या को सॉल्व करना चाहते थे, इसलिए साल 2015 में स्पिनी का जन्म हुआ.

नई कार खरीदने जैसा अनुभव

स्पिनी को शुरू करने का उद्देश्य बहुत सिंपल था. जिस तरह कोई व्यक्ति नई कार खरीदता है, उसी तरह का एक्सपीरियंस उसको सेकंड हैंड कार में भी मिले. नीरज सिंह ने ग्राहकों की मदद कर अन्य ग्राहकों को कार खरीदने के लिए प्रोत्साहित किया. इसमें वेरीफाइड कार लिस्टिंग और प्रक्रिया मॉनिटरिंग का कामकाज शामिल था. नीरज सिंह का यह आइडिया चल निकला और साल 2016 तक स्पिनी 14 करोड रुपए कीमत के 350 कार बेच चुकी थी. स्पिनी की शुरुआती सफलता देखकर ब्लूम वेंचर्स ने इसमें 7 करोड रुपए का निवेश किया. इसके बाद स्पिनी ने दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में कामकाज शुरू किया.

स्पिनी की सफलता का राज

स्पिनी की सफलता का मंत्र 5 दिन की मनी बैक गारंटी और सेकेंड हैंड कार पर 1 साल की वारंटी थी. स्पिनी ने नए साल 2017 में 900 कार बेची, लेकिन बस जल्द ही नीरज को यह समझ आ गया कि उनके इस मॉडल में कुछ गड़बड़ है. नीरज ने कहा कि ग्राहक कार अपनी जरूरत के हिसाब से खरीद रहे थे लेकिन उन्हें इसकी रियल वैल्यू नहीं मिल पा रही थी.

पैसे जुटाने का आया समय

स्पिनी इस समय 6.3 करोड रुपए के नुकसान में थी और उसका सारा फंड खत्म हो चुका था. इस बीच कार्स24 और कार देखो जैसी कंपनियां 150 करोड़ और 450 करोड रुपए जुटा चुकी थी. इसके बाद नीरज ने सेकंड हैंड कार बाजार में सरवाइव करने के लिए फुल स्टेक मॉडल डेवलप करने का फैसला किया. नीरज ऐसा करने के लिए आगे बढ़ना चाहते थे लेकिन तब तक 75 स्टाफ की सैलरी की समस्या आ गई. नीरज के पास फंड नहीं था इसलिए उन्होंने अपने घर को गिरवी रख दिया.

लंबी अवधि की मिली वैल्यू

बाद में साल 2018 में कारों की सेल गिरकर आधी रह गई और इस साल सिर्फ 480 कार ही बिकी. इसके बाद हालांकि ग्राहक स्पिनी से सीधे कार खरीदने में लंबी अवधि के लिए वैल्यू देख रहे थे और यह मॉडल फाइनली चल निकला. इसके बाद स्पिनी ने काफी तरक्की की और साल 2020 में 3750 कार बेच दी. स्पिनी ने इसके बाद 270 करोड रुपए का फंड जुटाया और पांच शहरों में कारोबार शुरू कर दिया. इस समय कार्स 24 देश के 130 शहरों में मौजूद थी और 8000 करोड रुपए का कारोबार कर रही थी.

लग्ज़री सेगमेंट में एंट्री

नीरज जानते थे कि उन्हें कारों को बेचने से पहले उसे रीफर्बिश करने पर ध्यान देना था. नीरज सिंह ने स्पिनी का मार्जिन बढ़ाने के लिए लग्जरी कार सेगमेंट में एंट्री की. साल 2021 में नीरज सिंह की स्पिनी का नया मॉडल रफ्तार पकड़ गया. कंपनी ने इस साल 7200 कार बेच दी. कोरोना संकट के पहले दौर में भी स्पिनी के कामकाज पर असर नहीं पड़ा क्योंकि नीरज ने कांटेक्टलेस बाइंग और होम डिलीवरी जैसी सेवा शुरू कर दी.

यूनिकॉर्न बनी स्पिनी

इसी समय स्पिनी में टाइगर ग्लोबल और जनरल कैटालिस्ट जैसी दिग्गज निवेश फर्म से 1200 करोड रुपए जुटाए. स्पिनी ने इसके बाद 8 नए शहर में 15 कार हब की मदद से कामकाज करना शुरू कर दिया. 7 नवंबर 2021 तक स्पिनी ने 20000 कार बेची और 2000 करोड रुपए जुटा लिए. इसके साथ ही Spinny 12000 करोड रुपए के वैल्यूएशन के साथ एक यूनिकॉर्न बन गई. आज नीरज सिंह की स्पिनी का रेवेन्यू 3000 करोड़ और वैल्यूएशन 15000 करोड़ पर पहुंच चुका है. पिछले साल स्पिनी ने 66564 कार बेची और देश के 15 शहरों में इसके 36 कार हब मौजूद थे.

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