थायराइड रोगियों का TSH लेवल कितना होना चाहिए? जानें किस स्तर के बाद बढ़ सकती है समस्या

थायराइड एक गंभीर समस्या है। मौजूदा समय में बहुत से लोग इस बीमारी से ग्रस्त हैं। , तो इस समय भारत में करीब 42 मिलियन यानी 420 लाख लोग थायराइड से पीड़ित हैं।

इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि थायराइड की समस्या कितनी गंभीर है। अगर समय रहते इस बीमारी की ओर लोगों का ध्यान न जाए, तो यह संख्या बढ़ भी सकती है।

आपको बात दें कि थायराइड वह ग्रंथी यानी ग्लैंड होती है, जो मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करती है। अगर थायराइड ग्लैंड सही तरह से काम न करे, तो व्यक्ति थकान से भरा रहता है, अक्सर मूड खराब लगता है, हार्ट रेट अनियमित हो सकती है और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। यही नहीं, अगर थायराइड का स्तर कम हो जाता है, तो इसका बुरा असर अन्य हार्मोंस पर भी देखने को मिलता है।

सवाल उठता है कि थायराइड रोगियों का टीएसएच लेवल (Thyroid Stimulating Hormone) कितना होना चाहिए? इस बारे में हमने नवी मुंबई स्थित मेडिकवर हॉस्पिटल में Consultant physician and Diabetologist डॉ. आदित्य विनोद सोंडानकर से बात की। आपको बता दें कि टीएसएच के स्तर से यह तय किया जा सकता है कि आप हेल्दी हैं या नहीं।

थायराइड में TSH कितना होना चाहिए?- What Is TSH Level In Thyroid In Hindi

“जिन लोगों में थायराइड कम या ज्यादा होने में कोई लक्षण नजर नहीं आते हैं, उनमें टीएसएच की सामान्य वैल्यू 0.4 से 4.0 mIU/L है। हालांकि, जिन लोगों में बिना किसी लक्षण या संकेत के टीएसएच की सामान्य वैल्यू 2.0 mIU/L से अधिक है, तो इसे एलर्ट की तरह लेना चाहिए। 2.0 mIU/L वैल्यू इस ओर इशारा करता है कि इन लोगों को भविष्य में अंडर-एक्टिव थायराइड होने की आशंका है।

इसलिए, किसी की टीएसएच वैल्यू 2.0 mIU/L से ज्यादा है, तो उन्हें अपने शरीर में दिख रहे लक्षणों और संकेत की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। इसके अलवा, अपनी लाइफस्टाइल को सही तरह मैनेज करना चाहिए। इसके अलावा, जंक फूड या प्रीसर्व्ड फूड खाने से बचना चाहिए।”

 

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