जब एक्टिंग छोड़कर ढाबे पर काम करने लगा था ये बच्चा, धोता था बर्तन, एक फोन कॉल ने बदल डाली किस्मत

बॉलीवुड में कई कलाकार ऐसे हैं, जिन्होंने लंबे संघर्ष के बाद अपनी मुकाम हासिल किया है. फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले कुछ कलाकारों को गरीबों से भी गुजरना पड़ा है. आज हम आपको बॉलीवुड के एक ऐसे ही कलाकार से रूबरू करवा रहे हैं, जो पर्दे पर अपनी एक्टिंग और कॉमेडी के लिए जाने जाते हैं. यह कोई और नहीं बल्कि संजय मिश्रा हैं. अपनी जबरदस्त एक्टिंग और कॉमेडी से हंसा-हंसा कर लोटपोट कर देने वाले संजय मिश्रा आज बेहद आलीशान और बेहतरीन तरीके से अपनी जिंदगी जी रहे हैं. उनके पास करोड़ों की संपत्ति है और उन्हें किसी पहचान की जरूरत नहीं है लेकिन संजय की लाइफ हमेशा ऐसे नहीं रही है. एक वक्त तो ऐसा भी था, जब वो 150 रुपये दिहाड़ी पर ढाबे पर काम करते थे और इंडस्ट्री छोड़ने तक का मन बना लिया था लेकिन तभी एक फोन कॉल ने उनकी किस्मत पूरी तरह बदलकर रख दी. चलिए जानते हैं उनके स्ट्रगल और यहां तक पहुंचने की कहानी को…

जिंदगी खुलकर जीना चाहते हैं संजय मिश्रा

एक इंटरव्यू में संजय मिश्रा ने बताया कि उन्होंने कभी भी नेम-फेम के लिए काम ही नहीं किया है. उन्हें एक्टिंग में मजा आता था और वे इसी को दर्शकों तक पहुंचाना चाहते थे. उन्होंने कहा कि दर्शक एक्टर की कला की इज्जत करें, उसे अपने दिल में जगह दें, इसके बाद एक कलाकार को क्या चाहिए. उनका कहना है कि उन्हें अपना काम करने में मजा आता है और वे खुलकर जिंदगी को एंजॉय करना चाहते हैं.

संजय मिश्रा ने अपने इंटरव्यू में बताया कि एक बार मुंबई में रहते हुए उनके पेट में बुरी तरह इंफेक्शन हो गया था. हालत इतनी खराब हो गई थी कि डेथ बेड पर आ गए थे. संजय आगे बताते हैं कि ‘तब कुछ दिन पिता के साथ रहा लेकिन अचानक से उनकी डेथ हो गई और मैं बुरी तरह टूट गया. उनका अंतिम संस्कार करने के बाद मैं दोबारा कभी मुंबई लौटना नहीं चाहता था. मन विचलित था, तो सब कुछ छोड़ के ऋषिकेश पहुंच गया. वहां अच्छा लगा तो गुजारा करने के लिए एक ढाबे पर काम करने लगा, जहां खाना बनाना और बर्तन धोना पड़ता था. इसके लिए हर दिन 150 रुपये मिलते थे.’

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