कौन सा है वो देश जहां हर साल 20,000 लोग कबूल लेते हैं इस्लाम, क्या है कारण
अगर दिवंगत मुक्केबाज मोहम्मद अली की बात की जाए उन्होंने वर्ष 1964 में इस्लाम धर्म अपना लिया था. मुसलमान शुरुआत से ही अमेरिका का हिस्सा रहे हैं. फिर भी कम ही लोग संयुक्त राज्य अमेरिका में मुसलमानों के इतिहास से परिचित हैं. अमेरिका में गुलाम बनाए गए सभी अफ्रीकियों में से एक चौथाई मुसलमान थे.
इसी तरह एक और अमेरिकी मुक्केबाज माइक टॉयसन जब एक मामले में जेल गए तो उनको भी इस्लाम धर्म में वो खासियत नजर आई जिसकी उनको तलाश थी. जीवन के बुरे दौर से गुजर रहे टॉयसन 1990 में मुसलमान हो गए थे. गिनीज बुक के अनुसार, दुनिया भर में 1990 और 2000 के बीच ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की तुलना में लगभग 12.5 मिलियन (125 करोड़) से अधिक लोगों ने इस्लाम अपनाया.
ऐसा नहीं है कि अमेरिका में केवल खिलाड़ी ही इस्लाम धर्म अपनाने में आगे थे. रैपर मुताह बेल ने 2001 में इस्लाम धर्म अपनाया. वर्ष 1800 के अंत में, सीरिया और लेबनान के मुसलमान ओहियो, मिशिगन, आयोवा और डकोटा में बस गए. 1950 और 1960 के दशक में, अमेरिकी आव्रजन कानून में बदलाव से मध्य पूर्व, अफ्रीका, एशिया और यहां तक कि लैटिन अमेरिका से मुसलमानों की एक नई लहर आई.
पूर्व बॉस्केटबॉल खिलाड़ी करीम अब्दुल्ला जब्बार ने भी 1971 में इस्लाम अपना लिया था. लेकिन वहां इस्लाम अपनाने वालों का एक और पहलू भी है. अमेरिका में इस्लाम अपनाने वालों की संख्या मोटे तौर पर इस धर्म को छोड़ने वाले अमेरिकी मुसलमानों की संख्या के बराबर है. अन्य धर्मों के विपरीत, इस्लाम छोड़ने वालों की संख्या धर्म बदलने वालों की संख्या से अधिक है.
सेनेगली-अमेरिकी सिंगर और म्युजिशियन एकॉन ने भी इस्लाम धर्म अपनाया है. वह हज करने मक्का भी जा चुके हैं. गिनीज के अनुसार, 1990 और 2000 के बीच ईसाई धर्म अपनाने वाले लोगों की तुलना में लगभग 12.5 मिलियन अधिक लोग दुनिया भर में इस्लाम में परिवर्तित हुए. इसके बावजूद, वैश्विक स्तर पर इस्लाम दूसरे नंबर पर सबसे अधिक संख्या में धर्मांतरण करने वाला धर्म बना हुआ है.