कौन है गोल्डी बराड़ जिसे सरकार ने घोषित किया आतंकी, लॉरेंस बिश्नोई से क्या कनेक्शन?

कौन है गोल्डी बराड़ जिसे सरकार ने घोषित किया आतंकी, लॉरेंस बिश्नोई से क्या कनेक्शन?

केंद्र सरकार ने सोमवार को कनाडा स्थित गैंगस्टर गोल्डी बराड़ को आतंकी घोषित कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सतविंदर सिंह उर्फ सतिंदरजीत सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ आतंकी समूह बब्बर खालसा से जुड़ा रहा है। केंद्र सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया कि सरकार का मानना ​​है कि गैंगस्टर गोल्डी बराड़ आतंकवादी गतिविधियों में शामिल है। इसी वजह से उसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आतंकवादी घोषित किया जाता है। जानें कौन है गोल्डी बराड़…?

गोल्डी बराड़ कई हत्याओं, हथियारों और गोला-बारूद की तस्करी और कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने में शामिल है। गोल्डी बराड़ के खिलाफ हत्या के प्रयास और जबरन वसूली के भी दर्जनों मामले दर्ज हैं। गोल्डी बराड़ को दिल्ली-एनसीआर से लेकर पंजाब तक की चल रही गैंगवार का मुख्य साजिशकर्ता माना जाता है। गोल्डी बराड़ कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का सबसे करीबी सहयोगी माना जाता है। वह कनाडा में बैठकर ही गैंग को ऑपरेट करता है। बराड़ पर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का भी आरोप है।

गोल्डी बराड़ ने ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या की जिम्मेदारी ली थी। उसने कहा था कि 2022 में पंजाब में एक छात्र नेता की हत्या का बदला लेने के लिए उसने सिद्धू मूसेवाला की हत्या कराई। आरोप है कि उसने कनाडा में बैठे-बैठे ही सिद्धू मूसेवाला की हत्या करवाई। गोल्डी बराड़ का पूरा नाम सतविंदरजीत सिंह है। वह पंजाब के मुक्तसर के आदेश नगर का रहने वाला है। बाद में गोल्डी बराड़ का परिवार फरीदकोट में शिफ्ट हो गया था। इसका जन्म 1994 में हुआ था और उसने ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई की है। ‘

बताया जाता है कि कॉलेज के दिनों में ही गोल्डी बराड़ गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के संपर्क में आया और वह बहुत जल्दी ही उसका राइट हैंड बन गया। लेकिन जब उसपर पुलिस की सख्ती बढ़ी तो वह पुलिस से बचने के लिए वर्ष-2017 में भारत से कनाडा चला गया। और फिर कनाडा से ही वह लॉरेंस का गैंग चला रहा है। जांच एजेंसियों की मानें तो पहले गोल्डी का चचेरा भाई गुरलाल बराड़ लॉरेंस का राइट हैंड हुआ करता था। लेकिन वर्ष-2020 में अक्टूबर में गुरलाल की चंडीगढ़ के इंडस्ट्रियल एरिया में हत्या कर दी गई थी।

यह भी कहा जाता है कि चचेरे भाई गुरलाल बराड़ की हत्या के बाद गोल्डी बराड़ पर बदला लेने का जुनून सवार हो गया था। बराड़ अपने भाई की हत्या का बदला लेना चाहता था। इसलिए वह लॉरेंस बिश्नोई के करीब आया। उसने भाई गुरलाल बराड़ की हत्या के आरोपी को मौत के घाट उतार दिया। इस हत्या के बाद ही गोल्डी बराड़ कनाडा भाग गया था। गोल्डी बराड़ कनाडा से ही अपनी आपराधिक गतिविधियां चला रहा है। इसमें विरोधियों पर हमले का आदेश देना और धन उगाही करना शामिल है।

 

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