PM मोदी ने क्यों कहा, कांग्रेस की दुकान पर ताला लगने की नौबत आ गई है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कांग्रेस पर हमला बोला और कहा कि उन्होंने विपक्ष को कभी मजबूत नहीं बनने दिया. उन्होंने परिवारवाद को लेकर भी देश की सबसे पुरानी पार्टी पर निशाना साधा.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाये गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बहुत बड़ा अवसर मिला और 10 साल कम नहीं होते, लेकिन 10 साल में उस दायित्व को निभाने में भी वे पूरी तरह विफल रहे.

पीएम मोदी ने आगे कहा, “जब कांग्रेस खुद विफल हो गए तो विपक्ष में और भी होनहार लोग हैं उन्हें भी उभरने नहीं दिया.. एक ही प्रोडक्ट बार-बार लॉन्च करने के चक्कर में कांग्रेस की दुकान पर ताला लगाने की नौबत आ गई है…” वे परिवारवाद को लेकर भी कांग्रेस पर हमलावर हुए. उन्होंने कहा, “हम किस परिवारवाद की चर्चा करते हैं. अगर किसी परिवार में अपने बलबूते पर जनसमर्थन से एक से अधिक लोग अगर राजनीतिक क्षेत्र में प्रगति करते हैं तो उसको हमने कभी परिवारवाद नहीं कहा. हम उस परिवारवाद की चर्चा करते जो पार्टी परिवार चलाती है.”

अपनी बात को जारी रखते हुए पीएम मोदी ने कहा, “जो पार्टी परिवार के लोगों को प्राथमिकता देती है. जिस पार्टी के सारे निर्णय परिवार के लोग की करते हैं. वह परिवारवाद है. राजनाथ सिंह और अमित शाह की कोई राजनीतिक पार्टी नहीं है. इसलिए जहां एक परिवार को पार्टियां लिखी जाती है वे लोकतंत्र में उचित नहीं है. एक परिवार के 10 लोग राजनीति में आए कुछ बुरा नहीं है.”

पीएम मोदी ने कहा, “…शासन के 10 वर्षों के अनुभव के आधार पर, आज की मजबूत अर्थव्यवस्था और आज भारत जिस तीव्र गति से प्रगति कर रहा है, उसे देखते हुए मैं विश्वास से कहता हूं कि हमारे तीसरे कार्यकाल में भारत तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति होगा. ये मोदी की गारंटी है.”

पीएम मोदी ने कहा, “…हमारे लक्ष्य कितने बड़े होते हैं, हमारे हौसले कितने बड़े होते हैं वह आज पूरी दुनिया देख रही है. हमारे उत्तर प्रदेश में कहावत कही जाती है ‘9 दिन चले ढाई कोस’ और यह कहावत पूरी तरह कांग्रेस पार्टी को परिभाषित करती है. कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है…”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा, “कांग्रेस ने देश के सामर्थ्य पर कभी विश्वास नहीं किया. वे अपने आप को शासक मानते रहे और जनता को कमतर आंकते रहे.” उन्होंने कहा, “कांग्रेस का विश्वास सिर्फ एक परिवार पर ही रहा है, एक परिवार के आगे वे न कुछ सोच सकते हैं और न देख सकते हैं. कुछ दिन पहले भानुमति का कुनबा जोड़ा लेकिन फिर एकला चलो रे करने लग गए… अलायंस का ही अलाइनमेंट बिगड़ गया.”

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