डॉक्टर इलाज से पहले क्यों देखते हैं जीभ? बीमारी से क्या होता है कनेक्शन, जानें

एक बात आपने जरूर नोटिस की होगी कि जब भी कोई मरीज अस्पताल जाता है तो डॉक्टर सबसे पहले उसकी जीभ देखते हैं. शायद ऐसा हर किसी के साथ हुआ होगा. जीभ को देखने के बाद ही डॉक्टर दवा देता है.

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि, डॉक्टर सबसे जीभ निकलाकर देखते क्यों हैं? क्या जीभ का बीमारी के साथ कोई लेना-देना होता है? इस बारे में जानने के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज के कम्युनिटी मेडिसिन हेड डॉ. डीएस मर्तोलिया से की. इस पर उन्होंने बताया कि, ये सच है कि मरीज का इलाज करने से पहले डॉक्टर उसकी जीभ को देखते हैं. क्योंकि जीभ में होने वाले बदलाव कई गंभीर बीमारियों की ओर इशारा करते हैं. इन रंगों में कैंसर और डायबिटीज जैसी भी कई बीमारियों के लक्षण छुपे हो सकते हैं. आइए जानते हैं डॉक्टर से जानते हैं कि कौन का रंग किस बीमारी का कारण हो सकता है?

महसूस होती है हेयरलाइन या फर जैसी चीज

डॉ. डीएस मर्तोलिया बताते हैं कि, लोगों को जीभ पर कभी-कभी ऐसा लगता है कि बाल या फर जैसी कोई चीज चिपक गई है. यह देखने में सफेद, काला या ब्राउन भी हो सकता है. अगर किसी व्यक्ति के साथ ऐसा है तो यह अच्छा नहीं है. माना जाता है कि, ऐसा तब होता है जब प्रोटीन जीभ पर मौजूद कुदरती गांठों को धारीदार हेयरलाइन में बदल देता है. इसमें बैक्टीरिया फंस सकते हैं जो सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं.

 

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