संजय लीला भंसाली क्यों बनाते हैं वैश्याओं पर फिल्में! कहा ‘उन्हें 5 रुपये में बिकते हुए देखा है’
संजय लीला भंसाली ने कुछ सालों पहले फिल्म कंपेनियन को दिए अपने एक इंटरव्यू में इस बात का जिक्र किया था कि क्यों उनकी अधिकांश फिल्मों में तवायफ, रेड लाइट एरिया का जिक्र होता है और क्यों वो हर बार उन्ही की कहानी को इतनी शिद्दत के साथ फैंस को सामने पेश करते हैं. आपको बता दें संजय की हालिया आई हीरामंडी से लेकर गंगूबाई काठियावाड़ी,देवदास में चंद्रमुखी का किरदार और सावंरिया में रानी का किरदार नुलाबजी हर किसी ने उसी तरह के किरदार को पेश किया था.
कमाठीपुरा में स्थित एक चॉल में गुजरा है बचपन
संजय लीला भंसाली ने फिल्म कंपेनियन को दिए अपने इंटरव्यू में इसके बारे में खुलकर बात की की थी और कहा बताय था कि उनका पालन-पोषण मुंबई के कुख्यात रेड लाइट एरिया, कमाठीपुरा में स्थित एक चॉल में हुआ था और उन्होंने दिन-रात उन महिलाओं के जीवन को बहुत करीब से देखा है और इस पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘आप बहुत नासमझ या फिर संवेदनशील होते हैं जब आप बच्चे के तौर पर इसे देखते हैं’.
20 रुपये में महिलाओं को बिकते हुए देखा है
इस पर बात करते हुए संजय काफी इमोशनल हो जाते हैं और उनकी आंखे नम हो जाती हैं और वो कहते है कि कैसे ‘वहां पर महिलाएं खुद को 20 रुपये के लिए बेच देती थी. कैसे आप अपने आप को केवल 20 रुपये के लिए बेच सकते हो और यही वो बातें हैं जो मेरे दिलों दिमाग में रच बस गई हैं. मैंने उन्हें चंद्रमुखी के माध्यम से पाया… हम अपने लिए अनमोल हैं. हमें टैग नहीं किया जा सकता। हमें 5 रुपये या 20 रुपये या 50 रुपये में नहीं बेचा जा सकता. यह अमानवीय है’.
इन फिल्मों में हुआ है रेड लाइट एरिया या फिर तवायफ का जिक्र
आपको बता दें संजय ने अब तक रेड लाइट एरिया या फिर तवायफ पर कई सारी फिल्में बनाई हैं जिसमें से हालिया आई उनकीबहुप्रतीक्षित पीरियड ड्रामा हीरामंडी है. वहीं आलिया भट्ट की गंगूबाई में उन्होंने कुख्यात रेड लाइट एरिया कमाठीपुरा की कहानी दिखाई थी. इसके साथ ही देवदास में माधुरी को तवायफ चंद्रमुखी बनाया था और सावंरिया में रानी को भी उन्होंने इसी किरदार में पेश किया था.