सूरज पूरब से ही क्यों उगता है? सूर्यास्त पश्चिम में ही क्यों, जानें फैक्ट
सूर्य हमेशा पूरब से ही उगता है और सूर्यास्त हमेशा पश्चिम में होता है. ये हम रोज देखते हैं, लेकिन कभी सोचा ऐसा क्यों? सूर्यास्त और सूर्योदय किसी और दिशा से क्यों नहीं होता ?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसका जवाब दिया है. जो बेहद दिलचस्प है. नासा के मुताबिक, सूर्य, चंद्रमा समेत सभी ग्रह और तारे पूर्व में ही उगते हैं और पश्चिम में अस्त होते हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि पृथ्वी पूर्व की ओर घूमती है.
आप ऐसे समझें कि पृथ्वी पूर्व की ओर घूम रही है और पश्चिम की ओर जा रही है. ऐसे में अगर आप पूर्व की ओर मुंह करके खड़े हैं. तो जब धरती मुड़ती है तो आपको पूर्व की ओर लेकर जा रही है. इसलिए ऊपर जो कुछ भी सामने आता है वह ऊपर होता हुआ दिखता है. एक और वजह से समझते हैं. पृथ्वी के सापेक्ष सूरज स्थिर है और धरती अपनी धुरी पर पश्चिम से पूर्व की ओर घूमती है. पृथ्वी अपनी धुरी पर करीब 1600 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से घूमती रहती है. यही वजह है कि ऐसा लगता है कि सूरज पूर्व की ओर से पश्चिम की ओर बढ़ रहा है. यानी पृथ्वी के अपनी धुरी पर घूमने की दिशा ही सूरज के पूर्व में उगता दिखने की वजह है.
उत्तरी ध्रुव की ओर जाते ही घट जाती धरती की गति
नासा के मुताबिक,पृथ्वी के घूमने के कारण भूमध्य रेखा पर लोग लगभग 1,600 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से आगे बढ़ रहे हैं. जैसे-जैसे आप पृथ्वी के ध्रुवों की ओर किसी भी दिशा में जाते हैं, यह गति कम हो जाती है. अमेरिका के टेक्सास में यह गति तब 1,400 किलोमीटर प्रति घंटे हो जाती है. कनाडा में लगभग एक हजार किलोमीटर प्रति घंटे रह जाती है. ऐसे में सोचिए अगर आप बिल्कुल उत्तरी ध्रुव पर खड़े हो जाएं तो क्या होगा?आप अभी भी घूम रहे होंगे, लेकिन आप एक वृत्त में घूम रहे होंगे जैसे पृथ्वी अपनी धुरी पर घूमती है.
तो हमें तो पता क्यों नहीं चलता?
अब सबसे अहम सवाल, अगर धरती इतनी तेजी से घूम रही तो हमें तो पता क्यों नहीं चलता? ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्य के पास कोई ‘स्पीड आर्गन’ नहीं हैं जो पूर्ण गति को महसूस कर सके. मनुष्य केवल यह बता सकते हैं कि किसी अन्य चीज के सापेक्ष कितनी तेजी से आगे जा रहे हैं. और आप गति में बदलाव को महसूस कर सकते हैं क्योंकि आप या तो गति बढ़ाते हैं या धीमा करते हैं. लेकिन हम वास्तव में यह नहीं बता सकते कि हम एक स्थिर गति से आगे बढ़ रहे हैं या नहीं, जब तक कि कुछ और हमें संकेत न दे!