लद्दाख के हजारों लोग कड़ाके की ठंड में सड़कों पर क्यों उतरे हैं, PM मोदी से कौन सी चार मांगें कर दीं?

सोशल मीडिया पर सामने आ रहे वीडियोज में बड़ी तादाद में नारे लगाती और अपनी मांगे बताती भीड़ दिख रही है. इससे पहले शनिवार, 3 फरवरी को वहां कंपलीट शटडाउन (पूर्ण बंद) का ऐलान किया गया था. वहां के लोगों की चार मुख्य मांगें हैं. आइए बताते हैं ये मांगें क्या-क्या हैं?

रिपोर्ट के मुताबिक, इलाके में बंद का आह्वान लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (KDA) ने किया था. इनकी तरफ से 23 जनवरी को केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा गया था. इसमें चार मुख्य मांगें हैं-

1. लद्दाख को राज्य का दर्जा दिया जाए
2. लद्दाख को छठी अनुसूची के तहत दर्जा दिया जाए
3. लेह और कारगिल को संसद में अलग-अलग सीटें दी जाएं
4. नौकरी आरक्षण के लिए लद्दाख लोक सेवा आयोग (LPSC)

सामाजिक कार्यकर्ता और मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित सोनम वांगचुक ने भी इस प्रदर्शन का समर्थन किया है. उन्होंने एक वीडियो शेयर करते हुए पोस्ट में लिखा,

3 फरवरी को लेह लद्दाख की लगभग एक चौथाई वयस्क आबादी भारतीय संविधान की छठवीं अनुसूची के तहत लद्दाख में लोकतंत्र की बहाली और इसकी सुरक्षा के लिए लेह के ऐतिहासिक पोलो मैदान में इकट्ठा हुई है. इन लोगों ने प्रधानमंत्री से भी अपनी मांगों को लेकर अपील की है.

LAB और KDA के कानूनी सलाहकार हाजी गुलाम मुस्तफा ने मीडिया को बताया,

जब से लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश UT बना है तब से ही एपेक्स बॉडी और KDA, चारों मांगें उठा रही हैं. हमारी सभी पावर्स (शक्तियां) जो जन-केंद्रित थीं, कमजोर हो गई हैं. जब हम जम्मू-कश्मीर का हिस्सा थे, तो विधानसभा में हमारे चार सदस्य थे और विधान परिषद में दो सदस्य थे. अब विधानसभा में हमारा कोई प्रतिनिधित्व नहीं है.

गुलाम मुस्तफा ने आगे कहा,

जब से लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश बना है इस क्षेत्र में कोई गैजेटेड नौकरी के अवसर नहीं आए हैं. जबकि जम्मू-कश्मीर में दो बैच पहले ही चालू हो चुके हैं और तीसरा बैच जल्द ही चालू होने वाला है. लद्दाख को तुरंत एक लोक सेवा आयोग की जरूरत है.

बता दें, 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाकर पूर्ण राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था. उस वक्त लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया था. बीते दो सालों से वहां के लोग पूर्ण राज्य के दर्जे और संवैधानिक सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

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