क्यों इतनी चर्चा में है एचपीवी वैक्सीन? किस कैंसर से बचाव के लिए इसे माना जा रहा है ‘रामबाण’

वैक्सीनेशन, किसी विशेष रोग से होने वाली जटिलताओं से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका मानी जाती है। बच्चों को कई प्रकार की गंभीर बीमारियों के खतरे से सुरक्षित रखने के लिए जन्म के बाद नियमित अंतराल पर टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है।

कोरोना महामारी के दौरान भी व्यापक टीकाकरण अभियान के ही परिणामस्वरूप रोग पर काफी हद तक काबू पाया गया।

इन दिनों एचपीवी वैक्सीन को लेकर खूब चर्चा हो रही है और इसके टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। क्या है ये एचपीवी वैक्सीन और इससे किस प्रकार का लाभ हो सकता है?

एचपीवी वैक्सीन, ह्यूमन पेपिलोमावायरस के कारण होने वाले संक्रमण को रोकने में मददगार है। एचपीवी टीकों को महिलाओें में होने वाले जानलेवा सर्वाइकल कैंसर से बचाव का सबसे कारगर तरीका माना जाता है।

सर्वाइकल कैंसर से बचाती है वैक्सीन

सर्वाइकल कैंसर, सर्विक्स में कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि के कारण होता है। सर्विक्स गर्भाशय का निचला हिस्सा होता है जो योनि से जुड़ता है। ह्यूमन पेपिलोमावायरस के विभिन्न प्रकार, जिन्हें एचपीवी भी कहा जाता है, वे सर्वाइकल कैंसर पैदा करने वाले प्रमुख कारक हैं। एचपीवी, यौन संपर्क से फैलता है। इस प्रकार के संक्रमण और इसकी जटिलताओं को दूर करने के लिए एचपीवी वैक्सीन को कारगर पाया गया है।

सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है। भारतीय महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर में लगभग 6-29% मामले सर्वाइकल कैंसर के होते हैं। सीडीसी (रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र) 12 वर्ष की आयु में नियमित एचपीवी टीकाकरण का सुझाव देता है। ये टीका सिर्फ सर्वाइकल कैंसर ही नहीं, कई और गंभीर प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाने में भी कारगर हो सकता है।

 

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