सरकार अलर्ट क्यों नहीं हो पा रही; राजौरी एनकाउंटर में तीन नागरिकों की मौत पर गुलाम नबी आजाद

सरकार अलर्ट क्यों नहीं हो पा रही; राजौरी एनकाउंटर में तीन नागरिकों की मौत पर गुलाम नबी आजाद

राजौरी मुठभेड़ में तीन नागरिकों की मौत के बाद डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आज़ाद पार्टी (DPAP) के अध्यक्ष गुलाम नबी आज़ाद ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि सरकार को हमलों से प्रभावित ऐसे स्थानों पर जानकारी इकट्ठा करने के लिए स्थानीय लोगों को भी शामिल करना चाहिए। आजाद ने कहा कि सेना और अर्धसैनिक बल सतर्क हैं, अब केंद्र और राज्य सरकारों को सुरक्षा एजेंसियों को बढ़ाने की जरूरत है।

इस बीच, भारतीय सेना ने कहा है कि वह पुंछ-राजौरी सेक्टर में तीन नागरिकों की मौत की जांच कर रही है, जहां आतंकवादियों ने 21 दिसंबर को सेना के जवानों पर हमला किया था, जिसमें चार सैनिक मारे गए थे। भारतीय सेना ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, मामले की जांच चल रही है। पुंछ जिले के बफलियाज इलाके में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है क्योंकि राजौरी सेक्टर के डेरा की गली के वन क्षेत्र में आतंकवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान चलाया जा रहा है।

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने पुंछ जिले में आतंकवाद विरोधी अभियान स्थल के पास मृत पाए गए तीन नागरिकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी देने की घोषणा की थी। बता दें कि राजौरी जिले के डेरा की गली के वन क्षेत्र में गुरुवार शाम भारी हथियारों से लैस आतंकवादियों द्वारा सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले में सेना के चार जवानों की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।

आजाद बोले- सरकार अलर्ट क्यों नहीं हो रही
इस बीच गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि सेना और अर्ध सैनिक बल अलर्ट हैं लेकिन, सरकारों को भी अलर्ट रहना चाहिए। केंद्र और राज्य सरकारों को हमलों से प्रभावित स्थानों की जानकारी इकट्ठा करनी चाहिए और जानकारी के लिए स्थानीय लोगों की मदद लेनी चाहिए।

रक्षा सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर के राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकवाद को फिर खड़ा करने की कोशिश कर रहा है। यह भी संदेह है कि क्षेत्र के वन क्षेत्रों में लगभग 25-30 पाकिस्तानी आतंकवादियों के छिपे हैं। स्थिति पर प्रतिक्रिया देते हुए, जेके नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद फारूक अब्दुल्ला ने कहा, “आतंकवादियों ने सुरनकोट पर हमला किया और हमारे सैनिकों की जान चली गई। हमारे पुलिस कर्मियों ने कुछ स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया। क्या हम आतंकवादियों से लड़ रहे हैं या अपने लोगों से?”

फारूक ने कहा, “अगर हम अपने लोगों से लड़ रहे हैं, तो हम इसे कभी नहीं जीत सकते। मैं अनुरोध करना चाहता हूं कि गृह मंत्री अमित शाह लोगों की भावनाओं को संबोधित करने के लिए सुरनकोट आएं। यह महत्वपूर्ण है कि वह लोगों को बताएं कि वे इस मुद्दे की जांच करेंगे और इसे उनके सामने रखेंगे। यह एक गंभीर स्थिति है और मानवाधिकारों का उल्लंघन है।”

 

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *