दुनिया का सबसे रहस्यमयी टैंक, अजीबोगरीब डिजाइन देखकर चौंक जाएंगे आप, कोई नहीं जानता किससे है बना!

कुगेलपेंजर (Kugelpanzer) दुनिया का सबसे रहस्यमयी टैंक है. यह बॉल टैंक का एकमात्र ज्ञात उदाहरण है, जो अभी भी अस्तित्व में है. ऐसा माना जाता है कि कुगेलपेंजर को जर्मनी में नाजियों ने बनाया था, जिसकी डिजाइन बहुत ही अजीबोगरीब है, जिसे देख कर आप चौंक जाएंगे. हालांकि, इतने सालों के बाद भी यह कोई नहीं जानता है कि ये गोलाकार टैंक किस चीज से बना हुआ है.

अभी कहा हैं ये बॉल टैंक?:

amusingplanet.com की रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान में ये टैंक मॉक्सो ओब्लास्ट के कुबिन्का में कुबिन्का टैंक म्यूजियम में रखा हुआ है. 1945 में हिरोशिमा पर परमाणु बमबारी के बाद सोवियत संघ ने मंचूरिया (Manchuria) पर आक्रमण किया, तो रेड आर्मी ने जापानियों के कब्जे से इस अजीब वाहन को बरामद किया था. यह गोलाकार ड्रम के आकार का एक छोटा बख्तरबंद वाहन था, जिसमें केवल एक व्यक्ति के बैठने के लिए पर्याप्त जगह थी ।

नाजियों द्वारा टैंक को बनाए जाने के कुछ समय बाद, उन्होंने जर्मनी की प्रौघोगिकी साझाकरण योजना के तहत इसे जापान को सौंप दिया था. जापानी सेना आक्रमण के दौरान इसे अपने साथ मंचूरिया ले गई और बाद में रूसियों ने इस पर कब्जा कर लिया. हालांकि, कुगेलपेंजर के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध नहीं है, जिससे ये पता चल सके कि इसका इस्तेमाल किसलिए किया गया था.

कुगेलपेंजर (बॉल टैंक) की डिजाइन बहुत ही अजीबोगरीब है. यह गोलाकार ड्रम के आकार का एक छोटा बख्तरबंद वाहन था, जिसमें केवल एक शख्स के बैठने के लिए पर्याप्त जगह थी. यह 1.5 मीटर लंबा है और वाहन की ऊंचाई के समान व्यास वाले विशाल रोलर्स पर चलता है. इसे अंदर से मोटरसाइकिल-शैली की गद्दी पर बैठे एक शख्स द्वारा ही ऑपरेट किया जाता था. वाहन के सामने एक छोटी आयताकार जगह छोड़ी गई है, जिसमें से अंदर बैठा शख्स बाहर देख सकता था और मशीन गन से फायर कर सकता था.

ज्यादा पावरफुल नहीं था इंजन

वाहन का खोल केवल 5 मिलीमीटर मोटा है, जो केवल छोटे हथियारों की गोलियों से सुरक्षा प्रदान कर सकता है. यहां तक ​​कि इसका इंजन भी कमजोर था, एक सिंगल सिलेंडर टू-स्ट्रोक इंजन जो वाहन को मात्र 5 मील प्रति घंटे की गति दे सकता था.

स्टीयरिंग और वाहन को सीधा और स्थिर रखने के लिए टैंक के पीछे एक छोटा पहिया होता है. वर्तमान में इसके मूल जैतून हरे रंग को चमकदार ग्रे कलर से पेंट कर दिया गया है और इंजन सहित इसके आंतरिक पार्ट्स को भी हटा दिया गया है. धातुकर्म के नमूने लेना प्रतिबंधित है, इसलिए इतने सालों के बाद भी कोई नहीं जानता है कि यह किस चीज से बना है.

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *