दुनिया के सबसे अजीबोगरीब ‘धातु’, पानी की तरह इनमें बहती है बिजली, वैज्ञानिकों को भी नहीं पता कारण!

दुनिया के सबसे अजीबोगरीब ‘घातु’ (‘Strange Metals’) से बने नैनोवायर (Nanowire) में एक बहुत ही अजीब घटना देखी गई है. इनमें बिजली (Electricity) पानी की तरह बहती है. इस विचित्र घटना ने सालों से वैज्ञानिकों को हैरानी में डाल रखा है. अभी तक वे यह नहीं जान पाए हैं कि आखिर ऐसा होने का कारण क्या है. आइए जानते हैं कि ये ‘स्ट्रेन्ज मेटल’ क्या होते हैं.

 

लाइव साइंस की रिपोर्ट के अनुसार, वैज्ञानिकों ने धातुओं के एक अजीबोगरीब ग्रुप के अंदर बिजली तरल पदार्थ (Fluid) की तरह बहती हुई देखी है. इस घटना ने उनको आश्चर्यचकित कर दिया है. इन ‘स्ट्रेन्ज मेटल्स’ को लेकर रिसर्चर्स ने अपनी स्टडी को 23 नवंबर को साइंस जर्नल में पब्लिश किया है. उनको ‘स्ट्रेन्ज मेटल्स’ से बने नैनो आकार के तारों में किए गए प्रयोग से पता चलता है कि बिजली अब इलेक्ट्रॉनों के समूह में नहीं चलती है. इससे वैज्ञानिको की सबसे बुनियादी धारणाओं में से एक कि धातु कैसे व्यवहार करती हैं, उसका खंडन करती है.

‘स्ट्रेन्ज मेटल्स’ मैटेरियल्स (Materials) का एक ऐसा वर्ग है, जो उच्च तापमान और/या उच्च दबाव में असामान्य गुण दिखाते हैं. वे पदार्थ की एक अवस्था हैं, जो कुछ सुपरकंडक्टर्स सहित कई क्वांटम मैटरियल्स में पाई जाती हैं. ‘स्ट्रेन्ज मेटल’ का नाम उनके इलेक्ट्रॉनों के अजीब व्यवहार के कारण रखा गया है. जब बिजली इनके अंदर से गुजरती है, तो इलेक्ट्रॉन अजीब तरीके से व्यवहार करते हैं, जो सामान्य धातुओं से बिल्कुल अलग होता है.

स्ट्रेन्ज मेटल्स बहुत कम तापमान पर सुपर कंडक्टर बन जाती हैं, जिसका अर्थ है कि उनमें इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के लिए शून्य प्रतिरोध होता है. इनमें इलेक्ट्रॉन एक इकाई के रूप में कार्य करते हैं, न कि स्वतंत्र रूप से जैसे वे एक नियमित धातु में होते हैं.

स्ट्रेन्ज मेटल व्यवहार पहली बार 1986 में कप्रेट्स (Cuprates) नामक मैटेरियलों के एक ग्रुप में खोजा गया था. क्यूप्रेट्स अपने अतिचालक गुणों (Superconducting Properties) के लिए जाना जाता है. वहीं, येटरबियम (Ytterbium), रोडियम (Rhodium) और सिलिकॉन (Silicon) ऐसे तत्व हैं, जिन्हें मिलाकर भी एक ‘स्ट्रेन्ज मेटल’ बनाई जा सकती है, जिसमें से भी बिजली पानी की तरह बहती है.

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