Gupt Navratri 2024 के दौरान करें मां काली की उपासना, मिलेगा आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ
ज्योतिष न्यूज़ डेस्कः हिंदू धर्म में नवरात्रि को बेहद ही खास माना गया है जो कि साल में चार बार आती है जिसमे दो गुप्त नवरात्रि होती है अभी माघ का महीना चल रहा है और इस माह पड़ने वाली नवरात्रि गुप्त नवरात्रि है जो कि 10 फरवरी से आरंभ हो चुकी है और इसका समापन 18 फरवरी को हो जाएगा।
गुप्त नवरात्रि के दिनों में मां दुर्गा के काली स्वरूप की आराधना का विधान होता है ऐसे में अगर आप देवी का आशीर्वाद पाना चालते हैं तो नवरात्रि के दौरान मां काली की चालीसा का पाठ जरूर करें मान्यता है कि ऐसा करने से आर्थिक और स्वास्थ्य संबंधी लाभ मिलते हैं साथ ही हर तरह के दोषो से छुटकारा मिलता है।
श्री महाकाली चालीसा-
॥ दोहा ॥
मात श्री महाकालिका ध्याऊँ शीश नवाय ।
जान मोहि निजदास सब दीजै काज बनाय ॥
॥ चौपाई ॥
नमो महा कालिका भवानी।
महिमा अमित न जाय बखानी॥
तुम्हारो यश तिहुँ लोकन छायो।
सुर नर मुनिन सबन गुण गायो॥
परी गाढ़ देवन पर जब जब।
कियो सहाय मात तुम तब तब॥
महाकालिका घोर स्वरूपा।
सोहत श्यामल बदन अनूपा॥
जिभ्या लाल दन्त विकराला।
तीन नेत्र गल मुण्डन माला॥
चार भुज शिव शोभित आसन।
खड्ग खप्पर कीन्हें सब धारण॥
रहें योगिनी चौसठ संगा।
दैत्यन के मद कीन्हा भंगा॥
चण्ड मुण्ड को पटक पछारा।
पल में रक्तबीज को मारा॥
दियो सहजन दैत्यन को मारी।
मच्यो मध्य रण हाहाकारी॥
कीन्हो है फिर क्रोध अपारा।
बढ़ी अगारी करत संहारा॥
देख दशा सब सुर घबड़ाये।
पास शम्भू के हैं फिर धाये॥
विनय करी शंकर की जा के।
हाल युद्ध का दियो बता के॥
तब शिव दियो देह विस्तारी।
गयो लेट आगे त्रिपुरारी॥
ज्यों ही काली बढ़ी अंगारी।
खड़ा पैर उर दियो निहारी॥
देखा महादेव को जबही।
जीभ काढ़ि लज्जित भई तबही॥
भई शान्ति चहुँ आनन्द छायो।
नभ से सुरन सुमन बरसायो॥
जय जय जय ध्वनि भई आकाशा।
सुर नर मुनि सब हुए हुलाशा॥
दुष्टन के तुम मारन कारण।
कीन्हा चार रूप निज धारण॥
चण्डी दुर्गा काली माई।
और महा काली कहलाई॥
पूजत तुमहि सकल संसारा।
करत सदा डर ध्यान तुम्हारा॥